Aaj Ka Panchang: 7 मई, रविवार को अनुराधा नक्षत्र होने से मृत्यु नाम का अशुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन परिध और शिव नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल शाम 5:15 PM से 6:53 तक रहेगा।
Narasimha Jayanti 2023: इस बार नृसिंह चतुर्दशी का पर्व 4 मई, गुरुवार को मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने नृसिंह रूप लेकर हिरण्यकश्यप का अंत किया था। इस दिन नृसिंह मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है।
Mohini Ekadashi 2023 Parna Muhurat: इस बार मोहिनी एकादशी का व्रत 1 मई, सोमवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
Guru Pushay 2023: ज्योतिष शास्त्र में पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार को होता है तो इसका बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार 27 अप्रैल, गुरुवार को ऐसा ही शुभ संयोग बन रहा है। कई सालों में एक बार ऐसा शुभ संयोग बनता है।
Vinayaki Chaturthi April 2023: इस बार 23 अप्रैल, रविवार को विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन श्रीगणेश की पूजा की जाएगी।
Parshuram Jayanti 2023: इस बार परशुराम जयंती का पर्व 22 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब धरती पर क्षत्रियों का अत्याचार काफी बढ़ गया तब भगवान विष्णु ने परशुराम का अवतार लेकर क्षत्रियों का नाश किया था।
Akshaya Tritiya 2023: इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में स्थाई रूप से लक्ष्मी का वास हो जाता है।
Varuthini Ekadashi 2023: इस बार वरुथिनी एकादशी का व्रत 16 अप्रैल, रविवार को किया जाएगा। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन कई शुभ योग भी रहेंगे, जिसके चलते ये व्रत और भी शुभ फल देने वाला रहेगा।
Vikat Sankashti Chaturthi 2023: इस बार 9 अप्रैल, रविवार को विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। ये साल में आने वाली 4 बड़ी चतुर्थी में से एक है। इस तिथि का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इसे सकट चौथ भी कहा जाता है।
Som Pradosh: इस बार 3 अप्रैल, सोमवार को सोम प्रदोष का योग बन रहा है। खास बात ये है कि ये विक्रम संवत 2080 का पहला सोम प्रदोष है। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है।