Jaya Parvati Vrat 2023: आषाढ़ मास में जया पार्वती व्रत किया जाता है। कुछ ग्रंथों में इसे विजया पार्वती व्रत भी कहा गया है। इस बार ये व्रत 1 जुलाइ, शनिवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये व्रत और भी खास हो गया है।
Shani Pradosh July 2023: जुलाई 2023 के पहले ही दिन यानी 1 तारीख को शिव पूजा का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन शनि प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन और भी कई शुभ योग बनेंगे, जिससे इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।
Devshayani Ekadashi 2023: इस बार देवशयनी एकादशी 29 जून, गुरुवार को है। गुरुवार को एकादशी तिथि होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे। इसे हरिशयनी एकादशी भी कहते हैं। इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ भी माना जाता है।
Raksha Bandhan 2023: इस बार श्रावण पूर्णिमा पर दिन भर भद्रा का संयोग रहेगा, जिसके चलते रक्षाबंधन पर्व मनाने पर ज्योतिषियों में मतभेद है। इसे लेकर विद्ववानों का अलग-अलग राय है। जानें इस बार कब मनाया जाएगा ये पर्व?
Guru Pradosh June 2023: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत करने की परंपरा है। ये व्रत हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। आषाढ़ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 जून, गुरुवार को है। इस दिन गुरु प्रदोष व्रत किया जाएगा।
Vat Savitri Purnima Vart 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर वट सावित्री व्रत किया जाता है। इस बार ये तिथि 3 जून, शनिवार को है। इस दिन कई शुभ योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Gayatri Jayanti 2023: इस बार गायत्री जयंती का पर्व 30 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनसुार, इसी तिथि पर वेदमाता गायत्री प्रकट हुई थीं, इसलिए इस तिथि पर इनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है।
Budh Pradosh May 2023: इस बार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 17 मई, बुधवार को किया जाएगा। प्रदोष तिथि बुधवार को होने से ये बुध प्रदोष कहलाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से करने का विधान है।
Ganga Dussehra 2023: हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन देवनदी गंगा धरती पर आई थी। इस दिन गंगा नदी के किनारे विशेष आयोजन किए जाते हैं।
13 मई, शनिवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से वर्धमान और इसके बाद शतभिषा नक्षत्र होने से आनंद नाम के शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इंद्र और ब्रह्म नाम के योग भी बनेंगे। राहुकाल सुबह 9:07 से 10:45 तक रहेगी।