Janmashtami 2023 Vrat Parana Time: हिंदू धर्म में व्रत पूर्ण होने के बाद उसका पारणा करने का नियम हैं यानी जब व्रत की तिथि समाप्त हो जाए तो उसके बाद विधि-विधान पूर्वक उस व्रत का समापन करना चाहिए, तभी उसका पूरा फल मिलता है।
Hal Shashthi 2023: भाद्रपद मास में हलषष्ठी नाम का व्रत किया जाता है। इसे हरछठ, उपछठ, हलछट आदि नामों से जाना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। इस दिन और भी कईं परंपराएं निभाई जाती हैं।
Ganesh Chaturthi 2023 Date: हर साल भाद्रपद मास में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। ये त्योहार एक नहीं बल्कि 10 दिनों तक मनाते हैं। गणेश उत्सव के पहले दिन भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा घर-घर में स्थापित की जाती है।
Janmashtami 2023 Date & Shubh Muhurat: हर साल भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 2 दिन मनाया जाएगा। ये पर्व पूरे देश में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। मथुरा-वृंदावन में इस उत्सव की धूम देखते ही बनती है।
Sankashti Chaturthi 2023: 3 सितंबर, रविवार को संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाएगा। ये व्रत बहुत ही खास है क्योंकि ये साल में आने वाली 4 प्रमुख चतुर्थी में से एक है। इस दिन कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Bahula Chaturthi 2023: इस बार 13 सितंबर, रविवार को बहुला चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। बहुला चौथ में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है।
Aaj Ka Panchang: 1 सितंबर, शुक्रवार को पहले पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग और इसके बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से ध्वजा नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन धृति और शूल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। ये हर साल श्रावण पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 30 अगस्त, बुधवार को है। इस दिन भद्रा होने से रक्षाबंधन के लिए बहुत ही कम समय का मुहूर्त बन रहा है।
30 अगस्त बुधवार को धनिष्ठा नक्षत्र रात 08.45 तक रहेगा, इसके बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। बुधवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से मित्र और इसके बाद शतभिषा नक्षत्र होने से मानस का शुभ योग बनेगा।
Raksha Bandhan 2023 Kab hai:हर साल श्रावण मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस बार इसे लेकर लोगों में काफी कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। ऐसा भद्रा के कारण हो रहा है।