मथुरा में शादी ईदगाह मस्जिद पर लगे कुछ लाउडस्पीकर को हटा लिया गया है। इसी के साथ जो लाउडस्पीकर अभी भी लगे हैं उनमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आवाज परिसर के बाहर न जाए। इससे पहले श्री कृष्ण जन्मस्थान ने भी अपने लाउडस्पीकर उतार दिए थे।
लाउडस्पीकर को लेकर जारी विवाद के बीच मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की ओर से अच्छी पहल की गई है। यहां मंदिर की चोटी पर लगा लाउडस्पीकर नहीं बजा। इसी के साथ मंदिर में भी भजनों की आवाज बाहर नहीं जा रही।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से वाद की कॉपी मांगी है। कृष्ण जन्मभूमि मामले में 13.37 की पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की जा रही है। शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दिनेश कौशिक द्वारा दायर वाद पर सुनवाई हुई।
महाभारत (Mahabharata) में कई पराक्रमी राजाओं का वर्णन मिलता है। इनमें से कई राजा तो ऐसे थे जिनका मुकाबला करना ही मुश्किल था क्योंकि उन्हें ऐसे वरदान प्राप्त थे, जिसके कारण उन्हें कोई हरा नहीं सकता है। ऐसा ही एक पराक्रमी राजा था जरासंध (Jarasandha)।
हिंदू पंचांग में जो 12 महीने होते हैं, उनमें फाल्गुन सबसे अंतिम होता है। इस बार दो दिन फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima 2022) है। फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि 17 मार्च, गुरुवार को दोपहर लगभग 1.37 पर आरंभ होगी, जो शुक्रवार की दोपहर भगभग 12.30 तक रहेगी।
होली (Holi 2022) हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima 2022) पर होलिका दहन (Holika Dahan 2022) किया जाता है और अगले दिन होली (धुरेड़ी) खेली जाती है। इस बार 17 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 18 मार्च को होली खेली जाएगी।
मुख्य याचिका 19 जनवरी 2021 को दायर की गई थी, लेकिन याचिकाकर्ता के हाजिर नहीं होने के कारण इसे खारिज कर दिया गया था। हालांकि, याचिका बहाल करने का आवेदन तुरंत दायर कर दिया गया था। इस याचिका की बहाली का आदेश 17 फरवरी 2022 को जारी किया गया था। इस याचिका की बहाली का आदेश 17 फरवरी 2022 को जारी किया गया था।
होली से फहले इससे संबधित कई पर्व मनाए जाते हैं। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 4 मार्च, शुक्रवार को है। मान्यता है कि इस तिथि के बाद ही होली महोत्सव की शुरूआत हो जाती है।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी (Rath Saptami 2022) का व्रत किया जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस बार ये पर्व 7 फरवरी, सोमवार को है। मत्स्य पुराण के मुताबिक ये पूरी तरह से भगवान सूर्य देव को समर्पित व्रत है।
लोहड़ी (Lohri 2022) का पर्व नई फसल की खुशी में मनाया जाता है। इस समय पंजाब आदि क्षेत्रों में रवी की फसल आती है। इसलिए किसान इसे बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। नाचते हैं, गाते हैं और खुशियां मनाते हैं। मुख्यतः पंजाब का पर्व होने से इसके नाम के पीछे कई तर्क दिए जाते हैं।