सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय करने के साथ यह कहा कि कानून में यह साफ है कि नॉमिनेटेड मेंबर्स को मेयर चुनाव में वोटिंग का कोई अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अदाणी समूह (Adani Group) पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मामले में सुनवाई होगी। इस संबंध में कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं लगाई गईं हैं। विशाल तिवारी ने रिटायर जज की निगरानी वाली समिति द्वारा जांच कराने की मांग की है।
न्यायमूर्ति जोसेफ ने एक हालिया घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक मूक व्यक्ति पर हमला किया गया था लेकिन बाद में पता चला कि पीड़ित हिंदू था। उन्होंने कहा कि अगर आप इसे (नफरत अपराध) नजरअंदाज करते हैं तो एक दिन यह आपके लिए आएगा।
गुजरात दंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री सीरीज पर लगे बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। दो जजों की बेंच तय करेंगी कि सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध सही है या गलत।
भारत सरकार ने "इंडिया: द मोदी क्वेश्चन" शीर्षक वाली बीबीसी की दो पार्ट वाली डॉक्यूमेंट्री को पक्षपातपूर्ण बताते हुए बैन लगा दिया था। सरकार ने आदेश दिया था कि इस डॉक्यूमेंट्री को यू-ट्यूब, ट्वीटर या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स से हटा दिया जाए।
2022 के गुजरात दंगे और पीएम नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा बनाई गए डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की गईं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इनपर सुनवाई के लिए सहमति जताई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया है। मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच द्वारा की जाएगी। यह बेंच तय करेगी कि शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन सही है या गलत।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को फिलहाल जमानत नहीं मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 20 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है।
यूपी निकाय चुनाव मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई की गई है। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं चीफ जस्टिस ने बुधवार यानि कि 4 जनवरी को सुनवाई पर सहमति दी है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। बोम्मई के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र के कुछ इलाकों व गांवों पर अपना दावा पेश किया है। जबकि महाराष्ट्र ने भी कर्नाटक के कुछ क्षेत्र को अपना बताया है।