बच्चों के एडमिशन, स्कूल चार्ज, री-एडमिशन, ड्रेस, किताबें समेत अन्य खर्च से वर्ष के शुरुआती दो-तीन महीनों में हर अभिभावक परेशान रहता है। लेकिन अब बिहार सरकार के निर्देशानुसार निजी स्कूलों की मनमानी लगी है।
गुलशन ग्रोवर ने कहा था कि उस दौरान उनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हुआ करते थे। कई दिनों तक तो भूखा रहना पड़ता था।