बच्चों के माता-पिता ने पुलिस में शिकायत कर आरोप लगाया है कि स्कूल संचालक के गुंड़े उनको आकर धमकाते हैं। वह एनुअल फीस और ट्रांसपोर्टेशन फीस की जबरन वसूली करा रहे हैं। जबकि उन्होंने सारी फीस जमा करा रखी है। लेकिन वह फीस बढ़ने की बात बोलकर बच्चों को प्रताड़ित करते हैं।
स्कूल एसोशिएशन का कहना है कि पिछले साल दिसंबर तक स्कूलों में फीस जमा नहीं कराई गई। हालांकि, परीक्षाएं नजदीक आने पर कुछ छात्र फीस जमा करा रहे हैं, फिर भी 50-60 फीसदी छात्रों की बकाया फीस अभी बाकी है।
फीस की कमी करने के पीछे सरकार का कहना है कि चूंकि सीबीएसई ने 30 फीसदी तक सिलेबस कम कर दिया है इसलिए राज्य सरकार ने ट्यूशन फीस (Tuition Fee) को कम कर दिया है।
कोरोना की वजह से महीनों से बंद स्कूलों को खोलने की शुरुआत हो चुकी है। अभी कई राज्यों में नौवीं से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं। नवंबर से इनके क्लासेस रेगुलर करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में अब राजस्थान सरकार ने इन बच्चों की फीस को लेकर बड़ी घोषणा की है।
क्लास 9 में दाखिले के लिए स्टूडेंट्स को एडमिशन के समय किसी मन्यता प्राप्त बोर्ड से 8वीं कक्षा पास होना चाहिए। जबकि 6वीं कक्षा में दाखिले के समय स्टूडेंट्स को 5वीं कक्षा पास होना चाहिए।
21 सितंबर से सरकार ने अनलॉक 5.0 के तहत स्कूल-कॉलेज खोलने की परमिशन दे दी थी। पर शिक्षा से ज्यादा स्वास्थ्य की चिंता के चलते मां-बाप बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि कोरोना का कहर देख करीब 71 फीसदी पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने को राजी नहीं हैं।
झारखंड के बोकारो में एक निजी स्कूल ने फीस न जमा कर पाने के कारण सूबे के शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो की पोती का नाम ऑनलाइन क्लास से काट दिया। इसकी जानकारी जब शिक्षामंत्री को हुई तो उन्होंने स्कूल प्रबन्धन से इस बारे में बात किया। फिर स्कूल पहुंचे और पूरी जानकारी ली। जिसके बाद उन्होंने अपनी पोती का बकाया स्कूल फीस जमा किया
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नाम कटने की जानकारी मिलने पर वह बोकारो के चास स्थित डीपीएस स्कूल पहुँचे और नियमों के अनुसार अपनी नातिन की फीस जमा की।
अदालत ने जुलाई महीने से अगले आदेश तक अभिभावकों से वार्षिक और विकास शुल्क लेने से स्कूलों को रोक दिया है। अदालत ने दिल्ली सरकार और स्कूल को भी एक नोटिस जारी कर अभिभावकों के संगठन की याचिका पर उनका पक्ष जानना चाहा है।
कोरोना लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों की मदद करने वाले सोनू सूद एक बार फिर सुर्खियों में हैं। मजदूरों की मदद करने वाले सोनू से अब हर जरूरतमंद मदद की गुहार लगाने लगा है और सोनू भी उसे पूरा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में सोनू सूद ने दो गरीब बच्चियों की पढ़ाई के लिए मदद की।