होली खुशियों भरा त्यौहार है। लोग झूमते हुए एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। लेकिन राजस्थान में एक गांव ऐसा भी है, जहां होली दहन देखना और रंग लगाना अशुभ माना जाता है। अगर वो होलिका दहन देख भी लेते हैं तो बीमार हो जाते हैं या ऐसी कोई अनहोनी घटना हो जाती है।
पूरे भारत देश में आज से होली का त्यौहार शुरू हो गया है। जहां लोग रंग लगाकर बुराई भूलकर शुभकामनाएं देते हैं। लेकिन राजस्थान में एक गांव ऐसा है जहां पर होली को अशुभ माना जाता है। कई बार रंग लगाते ही मौत तक हो जाती है।
Aaj Ka Panchang: 24 मार्च, रविवार को फाल्गुन पूर्णिमा तिथि रहेगी। इस दिन होलिका पूजन और दहन किया जाएगा। रविवार को छत्र, मित्र, गण्ड और वृद्धि नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल शाम 05:04 से 06:35 तक रहेगा।
Holika Dahan Kyo Karte Hai: होलिका दहन और होली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हर साल ये त्योहार बड़ी ही धूम-धाम से मनाए जाते हैं। इन त्योहारों से जुड़ी कईं मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं, जो इन त्योहारों को और भी खास बनाती हैं।
Kab Hai Holika Dahan 2024: फाल्गुन पूर्णिमा की शाम को होलिका की पूजा की जाती है और रात में इसका दहन किया जाता है। होलिका दहन करते समय भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि भद्रा में होलिका दहन करना अशुभ होता है।
Bhadra Timing on Holika Dahan 2024: हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है। इसके अगले दिन रंगों का त्योहार होली जिसे धुलेंडी भी कहते हैं, मनाया जाता है। होलिका दहन पर भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है।
यूपी के बरेली में एक युवक की सिर कटी लाश मिलने का मामला सामने आया है। परिजनों ने मामले में पुलिस पर भी हीलाहवाली का आरोप लगाया है। युवक होलिका दहन के बाद से गायब था।
Holi Puja Vidhi 2023: इस बार फाल्गुन पूर्णिमा तिथि दो दिन होने से होलिका दहन का पर्व भी 2 दिन मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, 7 मार्च, मंगलवार की शाम को शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जा सकता है।
Aaj Ka Panchang: 7 मार्च, मंगलवार और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा धृति और शूल नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 3:33 से शाम 5:01 तक रहेगा।
Holika Dahan 2023 Date: इस बार होलिका दहन कब किया जाए और धुरेड़ी (होली) पर्व कब मनाया जाए, इसको लेकर काफी कन्फ्यूजन है। इसका कारण है कि फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का संयोग 2 दिन बन रहा है। पंचांगों में होलिका दहन को लेकर मतभेद नजर आ रहा है।