बरसाना की लठामार होली में लाडली जी मंदिर पर रसायन युक्त रंगों की फुहार नहीं छोड़ी जाती है। इसमें टेसू के फूलों से बना रंग प्रयोग में लाया जाता है। इस विशेष रंग को बनाने के लिए सबसे पहले टेसू के फूलों को पानी में भिगोया जाता है। उसके बाद फूलों का रस निकाल जाता है। निकले रस में चूने को मिलाकर ड्रमों में भर दिया जाता है। टेसू के फूलों का रंग ईको फ्रेंडली होता है। इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।