सार
25 जून, शुक्रवार से हिंदू कैलेंडर का चौथा महीना आषाढ़ शुरू हो रहा है। ये महीना 24 जुलाई तक रहेगा। आषाढ़ महीना धर्म-कर्म के अलावा सेहत के नजरिये से भी बहुत खास होता है।
उज्जैन. 25 जून, शुक्रवार से हिंदू कैलेंडर का चौथा महीना आषाढ़ शुरू हो रहा है। ये महीना 24 जुलाई तक रहेगा। आषाढ़ महीना धर्म-कर्म के अलावा सेहत के नजरिये से भी बहुत खास होता है। आयुर्वेद के अनुसार ये महीना ग्रीष्म और वर्षा ऋतु का संधिकाल है। यानी इस दौरान गर्मी खत्म होती है और बारिश की शुरुआत होती है।
इस समय किन बातों का ध्यान रखें…
- दो मौसमों के संधिकाल की वजह से इन दिनों बीमारियों का संक्रमण ज्यादा होने लगता है। साथ ही नमी की वजह से फंगस और पाचन की समस्या भी बढ़ जाती है।
- इसी महीने में ही मलेरिया, डेंगू और वाइरल फीवर ज्यादा होते हैं। इसलिए खान-पान पर ध्यान देते हुए छोटे-छोटे बदलाव कर के ही बीमारियों से बचा जा सकता है।
- आयुर्वेद के अनुसार आषाढ़ महीने के दौरान फंगस रोग बढ़ने लगते हैं, जिससे बचने के लिए नीम, लौंग, दालचीनी, हल्दी और लहसुन का इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए।
- इनके साथ ही त्रिफला चूर्ण को गरम पानी के साथ लेना चाहिए और गिलोय भी खाना चाहिए। साथ ही इस महीने में टमाटर, अचार, दही और अन्य खट्टी चीजें खाने से बचना चाहिए।
- ऋतु परिवर्तन के इस काल में पानी से संबंधित बीमारियां ज्यादा होती हैं। ऐसे में इन दिनों पानी उबालकर पीना चाहिए। आषाढ़ में रसीले फलों का सेवन ज्यादा करना चाहिए।
- इन दिनों में आम और जामुन खाने चाहिए। हालांकि बेल से पहरेज करें। पाचन शक्ति सही रखने के लिए मसालेदार और तली भुनी चीजें कम खानी चाहिए।
- इस महीने में सौंफ और हींग का सेवन करना फायदेमंद माना गया है। इस महीने में साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
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