सार
Chankya Niti: जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इन मुसीबतों से बचा भी जा सकता है। हमारे विद्वानों ने अपनी लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े ऐसे ही अनेक सूत्रों के बारे में बताया है।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे। नंद साम्राज्य के पतन के कारण भी आचार्य चाणक्य (Chankya Niti) ही थे। उन्होंने कसम खाई थी कि वे नंद वंश का नाश करके ही दम लेंगे। इसके बाद उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया और धीरे-धीरे खंड-खंड में बंटे हुए भारत वर्ष को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत का निर्णाण किया। आचार्य चाणक्य ने अनेक पुस्तकें भी लिखीं। नीति शास्त्र भी इनमें से एक है। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया है, जिनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए, नहीं तो हम भी किसी मुसीबत में फंस सकते हैं। आगे जानिए कौन हैं वो लोग…
श्लोक
परोक्षे कार्य्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम्।
वर्ज्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भम्पयोमुखम् ।।
अर्थ- पीठ पीछे काम बिगाड़ने वाले और सामने बैठकर मीठा बोलने वाले मित्रों से सदैव दूर रहना चाहिए। ऐसे लोगों को मुंह पर दूध रखे हुए विष के घड़े के समान त्याग देना चाहिए।
लाइफ मैनेजमेंट
- सभी लोगों के आस-पास ऐसे लोग होते हैं जो सामने बैठकर तो मीठी-मीठी बातें करते हैं, लेकिन मौका मिलते ही काम बिगाड़ने में लग जाते हैं। ऐसे लोग आपसे आपकी हर गुप्त बातों में जाकर उनका गलत उपयोग कर सकते हैं। ऐसे लोगों से सदैव सावधान रहना चाहिए।
- जब भी कोई व्यक्ति हमसे कुछ ज्यादा ही मीठी बात करने लगे तो हमें उसी समय सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में ऐसे लोगों को या तो चापलूस बताया गया है या फिर शातिर। ऐसे लोग पहले दोस्ती बढ़ाकर हर बात जान लेते हैं और फिर लोगों को बताकर आपका मजाक बनाते हैं।
- आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों की तुलना ऐसे घड़े से की है जिसमें ऊपर तक तो दूध भरा रहता है, लेकिन उसके तले में जहर रहता है। ऐसा दूध दूर से तो बहुत स्वादिष्ट दिखता है, लेकिन इसे पीने से मृत्यु भी हो सकती है।
- आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर ऐसे लोग हमारे आस-पास हो तो उनसे पर्याप्त दूरी बनाकर रखें, उन्हें अपनी गुप्त बातें न बताएं और न ही उनके साथ पैसों से जुड़ा कोई लेन-देन करें। तभी आप परेशानियों से बच सकते हैं।
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