सार

Ganesh Utsav 2022: भगवान श्रीगणेश के पास आपकी हर समस्या का समाधान है। चाहे वो समस्या आपके दैनिक जीवन से जुड़ी हो या बिजनेस लाइफ से। यही कारण है कि भगवान श्रीगणेश को मैनेजमेंट गुरु भी कहते हैं।
 

उज्जैन. 9 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। इसी के साथ गणेश उत्सव (Ganesh Utsav 2022) का समापन भी हो जाएगा। भगवान श्रीगणेश हमें लाइफ मैनेजमेंट के कई गहरे सूत्र बताते हैं। इसमें बिजनेस भी शामिल है। अक्सर जब हम कोई नया बिजनेस शुरू करते हैं तो हमारे मन में उसके सक्सेस होने को लेकर शंका जरूर रहती है। ऐसे समय में अगर हम श्रीगणेश की कुछ बिजनेस मैनेजमेंट टिप्स का ध्यान रखें तो अपने बिजनेस को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। आगे जानिए इन बिजनेस मैनेजमेंट टिप्स के बारे में…

हमेशा रखें बड़ी सोच
भगवान श्रीगणएश का मस्तक अपेक्षाकृत अधिक बड़ा है जो हमें बताता है कि बिजनेस में बड़ी सोच रखकर ही आगे बढ़ना चाहिए। किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले एक प्लान तैयार करें और अपना टारगेट सेट करें। साथ ही अनुभवी लोगों से भी सलाह जरूर लें। ऐसा करने से निश्चित रूप में हम अपने बिजनेस को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सफल हो सकते हैं।

सूचना तंत्र हो मजबूत
श्रीगणेश के बड़े कान हमें बताते हैं कि हमारा सूचना तंत्र हमेशा मजबूत रहना चाहिए। बाजार से जुड़ी हर छोटी से छोटी बात की जानकारी हमारे पास होना चाहिए। इससे ये फायदा होगा कि बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में हमें पहले से पता होगा और हम उसके अनुसार अपना प्लान तैयार कर सकेंगे।

टारगेट पर हो नजर
श्रीगणेश की आंखे उनके मस्तक की अपेक्षा काफी छोटी हैं। जो हमें बताती हैं कि बिजनेस में हमें सदैव अपना लक्ष्य निर्धारित रख कर आगे बढ़ना चाहिए। छोटी आंख वाले सभी जीवों की नजर बहुत तेज होती है और उनका ध्यान पूरी तरह अपने लक्ष्य पर ही होता है। हमें भी इसी तरह अपने टारगेट पर नजर रखनी चाहिए।

मजबूत हो संपर्क
भगवान श्रीगणेश की सूंड बहुत बड़ी होती है यानी वो दूर पड़ी चीज को भी आसानी से उठाने में सक्षम होती है। इससे हमें ये सीख मिलती है कि हमारे बिजनेस संपर्क भी दूर-दूर तक होना चाहिए ताकि उनका लाभ भी हमें मिलता रहे। सूंड की पकड़ भी मजबूत होती है, उसी तरह कर्मचारियों पर भी हमारी पकड़ मजबूत रहे।

हानि पचाने की हो क्षमता
भगवान श्रीगणेश का पेट बहुत बड़ा होता है जो सभी कुछ पचाने में सक्षम होता है। इसका अर्थ ये है कि बिजनेस में लाभ-हानि होती रहती है। लेकिन कभी-कभी हानि का अनुपात काफी ज्यादा हो जाता है। आमतौर पर इस स्थिति में लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं लेकिन ऐसी स्थिति में गणेशजी का बड़ा पेट हमें सीखाता है कि हमारे अंदर हानि पचाने की भी पूर्ण क्षमता होनी चाहिए।

हमेशा रहें पॉजिटिव
श्रीगणेश का वाहन है चूहा। चूहे की प्रवृत्ति होती है कुतरने की। यानी वह लगातार कुतरता ही रहता है और भगवान गणेश बुद्धि के देवता हैं। इसका अर्थ ये है कि बिजनेस को बढ़ाने के लिए आपके हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और कुतर्क यानी निगेटिव चीजों को काबू में रखना चाहिए।


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