सार
इन दिनों हिंदू पंचांग का दसवां महीना पौष चल रहा है, जो 17 जनवरी तक रहेगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस महीने में सूर्य और भगवान विष्णु की उपासना के साथ ही लक्ष्मी पूजा का भी विशेष महत्व है। पुरी और काशी के विद्वानों का कहना है कि इस महीने में भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी की पूजा की थी।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष महीने में लक्ष्मी पूजा करने से समृद्धि और सुख बढ़ता है। परेशानियां भी दूर होती हैं। इस महीने में सभी लोक में लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है। इस समय देवी लक्ष्मी की पूजा करने से और भी कई शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी पौष मास में लक्ष्मी पूजा करने का वर्णन मिलता है। आगे जानिए पूजा विधि व अन्य खास बातें...
देवी लक्ष्मी के पद्मा रूप की पूजा
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, इस महीने सूर्य के साथ देवी लक्ष्मी और कुबेर की उपासना भी विशेष फलदायी मानी जाती है। इस महीने के शुक्लपक्ष में सुबह जल्दी और शाम को प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के वक्त कमल के फूल पर बैठी लक्ष्मीजी के पद्मा रूप की पूजा करने का विधान बताया गया है। ऐसा करने से स्थिर लक्ष्मी और अचल संपत्ति प्राप्त होती है। इस तरह लक्ष्मीजी की पूजा करने वाले को जीवनभर पैसों और सुख की कमी नहीं रहती है।
पौष महीने में लक्ष्मी महोत्सव
ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृतिखंड में बताया गया है कि चैत्र, पौष और भाद्रपद महीने के मंगलवार को भगवान विष्णु ने लक्ष्मी पूजा की। इस तरह देवी लक्ष्मी पूजा का महोत्सव तीनों लोक में शुरू हो गया। साथ ही पौष महीने की संक्रांति पर राजा मनु ने लक्ष्मीजी की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा के साथ देवी का आव्हान किया। तब से तीनों लोकों में लक्ष्मी पूजा महोत्सव शुरू हो गया। इसी पुराण में कहा गया है कि पौष महीने के शुक्लपक्ष में रात को देवी लक्ष्मी की पूजा और दर्शन करने से हर तरह का सुख मिलता है।
इस विधि से करें पूजा
- पौष महीने के शुक्लपक्ष में केसर, चंदन, अक्षत और कमल के फूलों से देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। साथ ही गाय के घी का दीपक लगाना चाहिए।
- लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी करनी चाहिए। ऐसा करने से हर तरह की परेशानियां दूर होने लगती हैं। सुख और समृद्धि बढ़ती है। महिलाओं का सौभाग्य भी बढ़ता है।
- देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए पौष महीने में गुड़, तिल, चावल, खीर, केसर, हल्दी, नमक और जरुरतमंद लोगों को गर्म कपड़ों का दान करना चाहिए।
- इन दिनों में अन्नदान करने का भी बहुत महत्व बताया गया है। इन चीजों का दान करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है।
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