सार

जुलाई 2021 में 31 में से 17 दिन खरीदारी और नए कामों की शुरुआत के लिए विशेष शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। इनमें रवि योग, सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, त्रिपुष्कर, द्विपुष्कर और रविपुष्य जैसे बड़े योग बनेंगे।

उज्जैन. इस महीने वाहन खरीदारी के साथ ही प्रॉपर्टी खरीदारी के लिए भी शुभ दिन रहेंगे। तिथि, वार और नक्षत्रों से मिलकर बनने वाले इन शुभ योगों के दौरान किए गए कामों में सफलता और फायदा मिलता है।

ये 2 दिन रहेंगे विशेष शुभ
इस महीने 11 जुलाई को रवि पुष्य नक्षत्र, राजयोग और सर्वार्थसिद्धि योग आने से सभी काम विशेष फलदाई रहेंगे। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, इस दिन हर तरह की खरीदारी समृद्धि देने वाली रहेगी। इस योग में सोना, चांदी, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदने का विशेष महत्व रहता है। वहीं 30 जुलाई को तीन योग अमृतसिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि व रवियोग का संयोग रहेगा।

सर्वार्थसिद्धि योग
2, 4, 6, 7, 11, 24, 29 और 30 जुलाई को ये योग बन रहा है। ये विशेष संयोग तिथि, वार और नक्षत्रों से मिलकर बनता है। ज्योतिष ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि में बताया है कि इस शुभ योग में किया गया हर काम सफल और फायदा देने वाला होता है। ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक, इस योग में किसी भी तरह का कॉन्ट्रैक्ट, ज्वेलरी की खरीदी-बिक्री करना चाहिए। जॉब या बिजनेस के खास काम भी इस मुहूर्त में शुरू कर सकते हैं।

अमृतसिद्धि योग
2 और 30 जुलाई को ये शुभ संयोग बन रहा है। इस शुभ योग में किए गए काम लंबे समय तक फायदा देते हैं। अमृतसिद्धि योग में किए गए दान और पूजा-पाठ से अक्षय पुण्य मिलता है। इस योग में मांगलिक काम किए जा सकते हैं। बिजनेस संबंधी समझौता, नौकरी के लिए आवेदन, जमीन, व्हीकल, कीमती धातुओं की खरीदारी और विदेश यात्रा इस शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए।

द्विपुष्कर योग
इस महीने ये शुभ योग सिर्फ एक ही दिन है। 25 जुलाई को ये योग बनेगा। द्विपुष्कर योग वार, तिथि और नक्षत्र से मिलकर बनने वाला ऐसा योग है, जिसमें एक बार किया गया काम फिर से करने के योग बनते हैं। इसलिए इस मुहूर्त में कोई भी शुभ काम, निवेश, बचत, खरीदारी और फायदे वाला लेन-देन करने चाहिए। बस ये सावधानी रखें कि इस योग के दौरान कोई अशुभ या ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिसमें नुकसान होने की आशंका हो।

त्रिपुष्कर योग
6 जुलाई को ये शुभ योग बन रहा है। ये योग द्विपुष्कर की तरह ही होता है। ये शुभ मुहूर्त तीन गुना फल देने वाला होता है। इसलिए इसे त्रिपुष्कर कहा जाता है। क्योंकि, इस योग के दौरान किए गए काम को दो बार और दोहराना पड़ता है। इस तरह, उस काम का तीन गुना फायदा मिलता है। इस योग में भी सावधानी रखनी चाहिए कि कोई अशुभ या ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिसमें नुकसान होने की आशंका हो।

रवि पुष्य योग
11 जुलाई, रविवार को पुष्य नक्षत्र में चंद्रमा होने से रविपुष्य योग बनेगा। ज्योतिष के मुहूर्त ग्रंथों के मुताबिक, इसमें हर तरह के काम किए जा सकते हैं। इस को गुरु पुष्य योग जितना ही महत्व दिया गया है। रवि पुष्य योग में औषधियों की खरीदारी या दान करना शुभ होता है। माना जाता है ऐसा करने से सेहत अच्छी रहती है और उम्र भी बढ़ती है।