सार

बदलते समय के लिए रिश्तों की अहमियत भी कम होती जा रही है। पहले के समय में जहां घर के बुजुर्गों को मान-सम्मान दिया जाता था, वहीं अब उनके साथ ठीक से बात तक नहीं की जाती बल्कि छोटी-छोटी बातों पर अपमानित जरुर किया जाता है।

उज्जैन. हम ये भूल जाते हैं कि कुछ समय बाद हम भी बूढ़ें होंगे और उस समय हमारे साथ भी ऐसा सलूक किया जाएगा तो हम पर क्या बीतेगी। Asianetnews Hindi Life Management सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के अंतर्गत आज हम आपको ऐसा प्रसंग बता रहे हैं जिसका सार यही है परिवार के बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं, इनका मान-सम्मान करना चाहिए, न कि छोटी-छोटी बातों पर अपमान।

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जब बहू को पता चली एक कटोरी दही की कीमत
एक बुजुर्ग व्यक्ति अपने बेटे के साथ रहते थे। पत्नी का स्वर्गवास कई साल पहले हो चुका था। बेटा अपने पिता द्वारा स्थापित कारोबार ठीक से चला रहा था। सबकुछ अच्छा चल रहा था। पिता ने एक अच्छा परिवार देखकर बेटे की शादी कर दी। बहू भी पढ़ी-लिखी थी। कारोबार की जिम्मेदारी बेटा और घर की जिम्मेदारी बहू के हाथ में थी। 
बेटे की शादी के लगभग एक साल बाद दोपहर में वृद्ध पिता खाना खा रहे थे, तभी पुत्र भी ऑफिस से आ गया और हाथ-मुंह धोकर खाना खाने की तैयारी करने लगा। उसने सुना कि पिताजी ने खाने के साथ दही माँगा। बहू ने जवाब दिया कि- आज घर में दही उपलब्ध नहीं है। खाना खाकर पिताजी अपने कमरे में आराम करने चले गए। 
बेटा जब अपनी पत्नी के साथ खाना खाने बेठा तो उसने देखा कि थाली में दही की कटोरी भी है। पुत्र ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और खाना खाकर ऑफिस चला गया। लगभग दस दिन बाद पुत्र ने अपने पिता से कहा कि “आज से मैं ऑफिस में एक मामूली कर्मचारी की तरह काम करूंगा और तय सैलरी लेकर अपना परिवार चलाऊंगा।” 
बेटे के मुंह से ऐसी बात सुनकर पिता एकदम सकते में आ गए। उन्होंने बेटे से इसका कारण पूछा। बेटे ने पिता की दही वाली बात बता दी। पिता ने बेटे को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन बेटे ने कहा कि “आपकी बहू को भी एक कटोरी दही की कीमत पता होनी चाहिए। नहीं तो जीवन भर मैं ये बात मुझे दुखी करती रहेगी कि जिस पिता ने मुझे इस काबिल बनाया, उनके लिए मैं एक कटोरी दही का इंतजाम भी नहीं कर सका।” 
ससुर और पति की बात बहू ने सुन ली। उसे भी अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने अपने ससुर से माफी मांग ली।

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लाइफ मैनेजमेंट
माता-पिता हमारी परवरिश करते हैं और उम्मीद करते हैं कि बुढ़ापे में हम उनका ध्याल रखेंगे और उन्हें मान-सम्मान देंगे। लेकिन बदलते समय के साथ परिस्थितियां भी बदलती जा रही है। अब परिवार की वृद्ध लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता, साथ ही उन्हें अपमानित भी किया जाता है। ऐसा करने से पहले सोचिए आप जब बूढ़े होंगे तब आपके साथ क्या होगा?

 

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