सार
भगवान शिव का प्रिय सावन (Sawan 2022) मास इस बार 14 जुलाई, गुरुवार से शुरू हो रहा है, जो 11 अगस्त तक रहेगा। ये हिंदू पंचांग का पांचवां महीना है। श्रवण नक्षत्र के नाम पर ही इस महीने का नाम श्रावण पड़ा है क्योंकि इस महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में होता है। श्रावण का ही अपभ्रंश सावन है।
उज्जैन. सावन मास में कई विशेष व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। ये चातुर्मास का पहला महीना भी है। इस पूरे महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। कुछ लोग तो पूरे महीने ही कठोर नियमों का पालन करते हैं जैसे चप्पल नहीं पहनते, एक समय भोजन करते हैं और प्रतिदिन मंत्र आदि का जाप करते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस महीने में कुछ नियमों का पालन सभी लोगों को करना चाहिए। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं। आगे जानिए सावन मास से जुड़े इन नियमों के बारे में…
ये चीजें न चढ़ाएं शिवजी
सावन मास में हर कोई शिवजी की पूजा कर पुण्य कमाना चाहता है, लेकिन महादेव की पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो विपरीत फल भी भुगतने पड़ सकते हैं। भगवान शिव को हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए और न ही केतकी फूल। ये दोनों चीजें शिव पूजा में अमान्य हैं। शिवजी को भूलकर भी शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। इन नियमों से जुड़ी कई मान्यता हैं।
न करें कोई गलत काम
वैसे तो व्यक्ति को कभी कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए जो अनैतिक यानी गलत हो। लेकिन सावन में इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस महीने में तामसिक चीजें जैसे मांस, मदिरा से बचकर रहना चाहिए। आचार-विचार भी पूरी तरह से सात्विक होना चाहिए ताकि कोई बुरे विचार मन में न आए। किसी के प्रति कोई बुरी भावना भी मन में नहीं लाना चाहिए।
दूध और इससे बनी चीजें न खाएं
सावन में दूधे बनी चीजें खाने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान नमी अधिक होने के कारण हरी सब्जियों पर विषाणु उत्पन्न हो जाते हैं और जब गाय-भैंस इसे खाती हैं तो इसका असर उनके दूध में भी आ जाता है। इस तरह का दूध और इससे बनी चीजें सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। इसलिए इस महीने में भगवान शिव का अभिषेक दूध से करने की परंपरा शुरू हुई।
इन बातों का भी रखें ध्यान
सावन मास में सुबह देर तक न सोएं। जल्दी उठने का प्रयास करें। ताकि सेहत अच्छी बनी रहे और मन भी प्रसन्न रहे। ऐसा करने से भगवान की भक्ति में मन लगा रहता है। सावन में मूली एवं बैंगन भी नहीं खाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। साथ ही तेल में पकी चीजें खाने से भी परहेज करना चाहिए।
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