सार
महाभारत के अनुसार महात्मा विदुर, पांडु और धृतराष्ट्र के भाई थे। इनके पिता ऋषि वेदव्यास थे। आज हम आपको महात्मा विदुर (Vidur) द्वारा बताए गए कुछ ऐसे लाइफ मैनेजमेंट टिप्स (Life Management) के बारे में बता रहे हैं जिनको जीवन में उतारने पर आपको हर क्षेत्र में सफलता (Success) मिल सकती है।
उज्जैन. महात्मा विदुर कुशाग्र बुद्धि के धनी थे, अपने समय के ये बहुत बड़े विद्वान पुरुष थे। विदुर का जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ, यही एक बड़ा कारण रहा जिसके चलते तमाम गुणों से संपन्न होने के बाद भी इन्हें राजा नहीं बनाया गया। इन्होंने उस समय धर्म, राजनीति, समाज, आदि विभिन्न विषयों पर अपने मतों को खुलकर व्यक्त किया। इन्हीं विशेषताओं के चलते महात्मा विदुर (Vidur Niti) को हस्तिनापुर का महामंत्री बनाया गया था। इनके द्वारा दी गई शिक्षा आज के समय में भी प्रासंगिक है। इस शिक्षा को विदुर नीति में संग्रहित किया गया है। आगे जानिए इस नीति में बताए गए कुछ ऐसे लाइफ मैनेजमेंट टिप्स के बारे में जिनको जीवन में उतारने पर आपको हर क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
सदैव मीठा बोलें
महात्मा विदुर के अनुसार हमें सदा मीठा बोलना चाहिए। उनका मानना था कि मीठा बोलने वाले व्यक्ति की हर जगह इज्जत होती है, उसे खूब मान सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है। वहीं कड़वा और ईर्ष्या भाव से बोलने वाले व्यक्ति को कोई भी नहीं पूछता है। कई बार ऐसी परिस्थिति बन जाती है कि आपकी सहनशक्ति जवाब दे सकती है, ऐसी स्थिति में खुद पर नियंत्रण रखें और परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद ही प्रतिक्रिया दें।
मित्रों की सहायता करें
महात्मा विदुर का कहना था कि हमें अपने मित्रों के साथ घुल-मिल के रहना चाहिए। उनके मुताबिक मित्रता ही वह रिश्ता है जो बिना स्वार्थ के निभाया जाता है। विदुर नीति में वह कहते हैं कि हमें हमेशा अपने मित्रों का कठिन समय में सहायता करना चाहिए। मित्र यदि कोई मुसीबत में है तो तुरंत उसकी मदद के लिए तैयार हो जाना चाहिए। यही मैत्री धर्म है।
सरल भोजन करें
महात्मा विदुर ने भोजन के संबंध में कहा है कि हमें ऐसा भोजन करना चाहिए, जो आसानी से पच सके। जल्दी ना पचने वाले भोजन शरीर में कई गंभीर बीमारियां पैदा करते हैं। ऐसे में हमें हमेशा सरल भोजन करना चाहिए। ज्यादा गरिष्ठ भोजन से कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती है, जो हमारे सुखी जीवन के लिए अवरोध बन सकती हैं।
मर्यादित आचरण करें
महात्मा विदुर के अनुसार व्यक्ति को सफलता पर टिके रहने के लिए मर्यादा में रहना अत्यंत जरूरी है। उनका मानना था कि सफलता तक पहुंचना एक अलग बात है और सफलता पर टिके रहना दूसरी बात। विदुर के अनुसार एक मर्यादित आचरण का व्यक्ति ही सफलता तक पहुंच कर उस पर लंबे समय तक टिके रह सकता है।
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