Holi 2022: होली से जुड़े ये 4 लाइफ मैनेजमेंट टिप्स जीवन में हर कदम पर आपके काम आएंगे

दुनिया भर में भारत को उसकी संस्कृति व विविधताओं के लिए जाना जाता है। यहां का हर त्योहार मानव सभ्यता को कुछ न कुछ संदेश देता है। होली (Holi 2022) भी इन्हीं त्योहारों में से एक है। होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें लोग दुश्मनी भूलकर एक-दूसरे से गले लग जाते हैं।

उज्जैन. अमीरी-गरीबी और ऊंच-नीच का भेद भी होली में खत्म हो जाता है। सभी के मन में हर्ष, उल्लास और उमंग का वातावरण रहता है। प्रकृति भी इस त्योहार में खुद को रंग लेती है और यही संदेश देती है कि हम सब एक है। इस बार 17 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और अगले दिन यानी 18 मार्च को होली (Holi 2022) खेली जाएगी। ये उत्सव अपने अंदर लाइफ मैनेजमेंट (Holi Life Management) के अनेक सूत्र समेटे है, जो हमारे जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। जरूरत है तो बस उन सूत्रों को अपने जीवन में उतारने की। आगे जानिए होली से जुड़े इन लाइफ मैनजेमेंट सूत्रों के बारे में…

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1. होली का त्योहार उस समय मनाया जाता है जब शिशिर ऋतु जाती है और वसंत का आगमन होता है। वसंत ऋतु में पेड़ों पर नए पत्ते आते हैं और प्रकृति भी खुद को नए रूप में ढालती प्रतीत होती है। वसंत को नवसृजन की ऋतु कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इस ऋतु से हमें सीखना चाहिए कि परिवर्तन को सहज रूप से स्वीकार करें क्योंकि परिवर्तन से ही जीवन में संतुलन बना रहता है।

2. होली रंगों का त्योहार है। ये रंग हमें प्रकृति ने ही दिए हैं। सूर्य की किरणें जब पृथ्वी पर आती हैं तो वह अलग-अलग रंगों में बदल जाती है। प्रकृति के ये 7 रंग हर कदम हमें जीवन के उतार-चढ़ाव के बारे में बताते हैं। जब सूर्योदय होता है तो आकाश में लालिमा होती है और रात के समय गहन अंधकार। जितना महत्व सूर्योदय की लालिमा का है, उतना ही रात के कालेपन का। ये सात हमें खुद को हर परिस्थिति में ढलने के लिए प्रेरित करते हैं।

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3.  जाति, धर्म, रंग-रूप, धन, यश आदि कितनी ही दीवारें इंसान को इंसान से बांटती हैं। इन दीवारों को तोड़कर एक रंग, एक मंच, एक उमंग, एक उत्साह में सराबोर होकर समत्व को अपनाना ही होली का संदेश है। इस त्योहार में सभी लोग ऊंच-नीच और जाति, धर्म को भूलकर एक हो जाते हैं, ये संदेश है कि हम सब एक है।

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4. होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। संदेश ये है कि बुराई कितनी भी बलवान क्यों न हो एक दिन उसका नाश अवश्य होता है। जिस तरह वरदान पाकर भी होलिका आग में जल गई उसी तरह बुराई अधिक समय तक अच्छाई के सामने नहीं टिक पाती।

 

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