फिल्म प्रोडक्शन में बनाना चाहते हैं करियर तो इन बातों को कभी मत भूलिए.. सेट हो जाएगी लाइफ

फिल्म इंडस्ट्री में अपार संभावनाएं हैं। अगर फिल्म प्रोडक्शन में करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको बहुत गहराई से समझना होगा। एक्टर्स से संवाद हो या लाइटिंग, डिजाइनिंग, म्यूजिक और दूसरी जरूरी पर काम करना, सब कुछ काफी अहम होता है। 

Ashutosh Pathak | Published : Dec 23, 2022 9:56 AM IST

एजुकेशन डेस्क। इंडियन फिल्म इंडस्ट्री वर्ष 2020 में करीब 180 अरब रुपए की थी। एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाले कुछ वर्षों में इसमें और तेजी देखी जाएगी। हाल ही एक रिपोर्ट में दावा किया गया है भारत का मीडिया और मनोरंजन उद्योग अगले चार साल में यानी वर्ष 2026 तक करीब 13 प्रतिशत की ग्रोथ से आगे बढ़ेगा और इसके लगभग 54 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है लोगों के रुझान और पसंद को देखते हुए ओटीटी प्लेटफॉर्म का सीएजीआर करीब 30 प्रतिशत तक बढ़ेगा। 

कोरोना महामारी के दौरान फिल्म इंडस्ट्री में जहां एक गैप था और सिनेमाघरों से दर्शक नदारद थे, वहीं अब एक बार फिर सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ बढ़ती देखी जा सकती है। दिलचस्प यह भी है अब न केवल मेन स्ट्रीम का हिंदी सिनेमा बल्कि, क्षेत्रीय भाषाओं में भी फिल्म इंडस्ट्री में ग्रोथ देखी जा रही है। ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री के तमाम सेगमेंट करियर बनाने के लिए लिहाज से बेहतर साबित हो सकते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट रूप से आसान नहीं है, क्योंकि यह एक आर्ट क्षेत्र है और फिल्मों तथा शोबिज के फील्ड में इंट्री चाहते हैं तो कुछ जरूरी कारक होना ही चाहिए। तभी आप सफल हो पाएंगे। 

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प्रोड्यूसर बनना है तो स्टोरी टेलर होना ही पड़ेगा 
अगर आप फिल्म प्रोड्यूसर बनना चाहते हैं या फिल्म निर्माण क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं, तो हम आपको कुछ जरूरी तथ्य से रूबरू करा रहे हैं, जिनके बारे में ध्यान रखना जरूरी है। इसमें सबसे पहले कहानी कहने यानी स्टोरी टेलर की कला आनी चाहिए। फिल्म निर्माता के तौर पर शुरुआत करते  हुए यह जरूरी है कि फिल्म प्रोडक्शन और कंटेंट प्रोडक्शन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यानी इंटेरेस्टिंग तरीके से कहानी कहना सीखें। 

कंटेंट को पकड़ने-समझने और नजरिए की जरूरत 
अगर आप एक स्टूडेंट हैं और सफल फिल्म प्रोड्यूसर बनना चाहते हैं या फिर आप पहले से ही फिल्म प्रोडक्शन में हैं, तो फिल्म प्रोड्यूसर के लेंस से देखे जाने वाले किसी भी कंटेंट को पकड़ने-समझने और नजरिए की जरूरत होगी। इसका मतलब हुआ कि केवल फिल्म का आनंद लेना ही नहीं बल्कि, इसका इन्सपेक्शन करना भी सबसे टफ डिटेल्स में है। फिल्म बनाने में जो सबसे जरूरी कारक है, उनमें लाइट प्लेसमेंट, साउंड इफेक्ट, एक्टर्स, साइड एक्टर्स, डायलॉग, दूसरे जरूरी सेटअप, कैमरा सेटअप, स्टोरी बोर्डिंग, कॉल बैक आदि शामिल हैं। 

खुद कंटेंट के शानदार पार्ट बनाएं और लोगों का रिएक्शन देखें 
आपको किसी ऐसे शख्स के नजरिए से कंटेंट पार्ट के सभी पहलू पर ध्यान देना होगा, जिसने पहले इसे इमेजिन किया था। साथ ही बनाते समय यूनिक थिंकिंग क्या हो, इस पर काम करना होगा। इसे सीखने का एक अच्छा तरीका यह हो सकता हे कि आप खुद कंटेंट के शानदार पार्ट बनाएं और देखें कि लोग उसे किस तरह ले रहे हैं। यह एक्सपीरियंस से आएगा। साथ ही आपको खुद को शुरुआत में कबाड़ पैदा करने की आजादी देनी होगी। दूसरा तरीका यह है कि आप इस आर्ट को प्रोफेशनल तौर पर स्कूल में सीखें। इसके अलावा, आप किसी एक्सपर्ट के साथ या ऐसे प्रोजेक्ट में सहायक यानी असिस्टेंट के तौर पर भी काम कर इसका अनुभव ले सकते हैं। 

स्किल डिटेल जरूरी, जितने पुराने होंगे उतने बेहतर होंगे 
फिल्म या शार्ट फिल्म बनाना कोई आसान काम नहीं है। इसे बनाने में काफी मेहनत लगती है। कई इनोसेंट थिंकिंग लिस्ट से सबसे उम्दा आइडिया को सेलेक्ट करने की क्षमता होनी चाहिए। इसके बाद उस आइडिया पर काम करने का साहस होना चाहिए। एक बार जब आप आइडिया और सब्जेक्ट सेलेक्ट कर लेते हैं, तो जिनके साथ आप आप इस पर आगे बढ़ना चाहते हैं, उन पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण होता है। जैसे कि एक्टर्स और को-एक्टर्स। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि वे फिल्म का चेहरा है। उन्हें उसी किरदार में सामने आना चाहिए, जो रोल आप उनसे कराना चाहते हैं। इसके अलावा, अन्य जरूरी चीजों में शूट, स्टाइलिंग, डिजाइनिंग, म्यूजिक और दूसरी जरूरी चीजों पर फोकस करना होता है। इसके लिए स्किल डिटेल जरूरी है। आप जितना इस फील्ड में पुराने होंगे, गहराई में उतरेंगे प्रोडक्ट उतना ही बेहतर होता जाएगा। 

एक्टर्स के साथ कनेक्टिवटी 
संभवत: यह किसी फिल्म प्रोडक्शन का सबसे जरूरी या कहें बेसिक पार्ट है। एक्टर्स को सीन समझाना और उन्हें पढ़कर सुनाना तथा इसकी लय महत्वपूर्ण साबित होती है। एक फिल्म प्रोड्यूर के तौर पर आपने अपने दिमाग में किसी दृश्य की कौन सी कल्पना की है और आप जब एक्टर्स के साथ डायलॉग करेंगे तो हो सकता है, वो आपसे सहमत हों या फिर इस पर अपनी अलग राय रखें। यहां जरूरी हो जाता है सहमति देना। दरअसल, एक्टर्स दृश्य में सुधार करना चाहते हैं और अपने स्तर से कुछ जोड़ना या कम करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी स्वतंत्रता देनी चाहिए। 

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