Quiet Quitting: जानें क्या है यह ट्रेंड, जिसमें ऑफिस कल्चर का हो रहा विरोध, युवाओं में इतना पॉपुलर क्यों

Quiet Quitting ट्रेंड यूथ में तेजी से पॉपुलर हो रहा है। सोशल मीडिया पर इस ट्रेंड की चर्चाएं हैं। कहा जा रहा है कि किसी भी ऑफिस में तय समय से ज्यादा बिना सैलरी काम नहीं करना चाहिए। बॉस को खुश करने या प्रमोशन के लिए एक्ट्रा वर्क नहीं करना चाहिए।

करियर डेस्क : दुनिया में इन दिनों Quiet Quitting नाम के नए ट्रेंड का दौर चल रहा है। यह एक साल पहले 2021 में आए द ग्रेट रेजिग्नेशन की तरह ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि द ग्रेट रेजिग्नेशन के दौरान लोगों ने नौकरियां छोड़ी थी और Quiet Quitting में वर्क कल्चर के चलते बढ़ रहे डिप्रेशन और तनाव का विरोध किया जा रहा है। बता दें कि काम के प्रेशर से कई लोग जूझ रहे हैं। इसका परिणाम है कि फैमिली और ऑफिस वर्क के बीच संतुलन न बैठा पाने के कारण कई लोग डिप्रेशन (Depression) में चले जा रहे हैं। ऑफिस में एक्ट्रा काम, घर आकर भी ऑफिस का काम और छुट्टी के दिन भी घर को वर्क प्लेस बना देना, कई तरह की समस्याएं साथ लेकर आ रहा है। इन्हीं समस्याओं के कारण द ग्रेट रेजिग्नेशन का दौर भी शुरू हुआ था।

Quiet Quitting को आसान भाषा में समझें
क्वाइट क्विटिंग ट्रेंड में कहा जा रहा है कि जितनी सैलरी, उतना ही काम करना चाहिए। ताकि आपकी पर्सनल और प्रोफेशन लाइफ के बीच संतुलन बना रहे। इस ट्रेंड का मतलब ऑफिस में तय समय से ज्यादा नौकरी नहीं करनी चाहिए। काम कितना भी रहे लेकिन समय होने के बाद एक्ट्रा काम करने से बचना चाहिए। यह भी नहीं सोचना चाहिए कि बॉस खुश होंगे या नाराज।

Latest Videos

कैसे हुई इस ट्रेंड की शुरुआत
क्वाइट क्विटिंग की शुरुआत टिक-टॉक से हुई थी। एक यूजर जिसकी आईडी @zaidleppelin है, उसने इस ट्रेंड को शुरू किया था। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़े। कई वीडियो शेयर किए गए। जिसमें वर्क कल्चर के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस ट्रेंड की बदौलत उनकी पर्सनल और प्रोफेशन लाइफ अब सुधर रही है। वे ऑफिस में टाइम से जाते हैं और समय पर ही घर लौट आते हैं। काम के बाद वे ऑफिस के मेल का जवाब भी नहीं देते। 

Quiet Quitting का उद्देश्य क्या है
बता दें कि इन दिनों कंपनियों में वर्क कल्चर को काफी निगेटिव तौर पर देखा जा रहा है। बढ़ती महंगाई के हिसाब से कम सैलरी और एक्ट्रा काम से कई एम्प्लाइज डिप्रेशन में चले जा रहे हैं। इसका मतलब वे बर्नआउट का शिकार हो रहे हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जब वर्क लोड के चलते शरीर, दिमाग और मन काम करना बंद कर देते हैं। एनर्जी नहीं बचती। काम में मन नहीं लगता। इसी वर्क कल्चर का विरोध क्वाइट क्विटिंग टेंड का मकसद है।

इसे भी पढ़ें
देश की सबसे बड़ी IT कंपनी ने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाया, दो साल बाद वर्क फ्रॉम होम खत्म !

Apple के इस आदेश के खिलाफ कर्मचारियों ने छेड़ी मुहिम, कहा- कंपनी ने हमारी क्षमता को सीमित कर दिया

Share this article
click me!

Latest Videos

CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
Dehradun Car Accident: 13 दिन ली गई कार बनी 6 दोस्तों के लिए 'काल', सामने आया सबसे बड़ा सवाल
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल
अब नहीं चलेगा मनमाना बुलडोजर, SC के ये 9 रूल फॉलो करना जरूरी । Supreme Court on Bulldozer Justice