अब गलत जानकारी पड़ेगी भारी: नौकरी से धोना पड़ सकता है हाथ, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

शीर्ष अदालत के मुताबिक, अगर किसी मामले में किसी कर्मचारी पर जो आपराधिक मामले है, उसकी जानकारी छिपाई गई है तो कंपनी या नौकरी देने वाले को पूरा हक है कि वे इस पर विचार कर सकते हैं। कंपनी पर किसी तरह का दबाव नहीं दिया जा सकता।

Asianet News Hindi | Published : Sep 27, 2022 7:01 AM IST / Updated: Sep 27 2022, 12:45 PM IST

करियर डेस्क : अब नौकरी के वक्त गलत जानकारी देना या अपना बारें में कुछ भी छुपाना किसी कर्मचारी पर भारी पड़ सकता है। सीआरपीएफ (CRPF) के दो कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने  साफ कर दिया है कि किसी पद और योग्यता को लेकर गलत जानकारी देने पर कर्मचारी की नौकरी से छुट्टी की जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की भर्ती मामले में कानून और कुछ सिद्धांत तय किए गए हैं। ऐसे मामलों में अगर झूठ बोला जाता है तो यह ठीक नहीं क्योंकि उनका दायित्व की समाज की सुरक्षा का है।

कंपनी पर नहीं डाल सकते दबाव
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर किसी मामले में किसी भी कर्मचारी ने समाप्त हो गए आपराधिक मामले में सत्यनिष्ठा या सही जानकारी दी है, उसके बाद भी वह कंपनी यानी जॉब देने वाला उसके बैकग्राउंड पर विचार कर सकता है और ऐसे मामलों में उस पर (Employer) पर कर्मचारी की नियुक्ति के लिए किसी तरह का दबाव नहीं डाला जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि सर्टिफिकेट में कर्मचारी के बारें में जो जानकारी ली जाती है, उसका मतलब ही यही होता है कि नौकरी पर रखे जाने पर उसके चरित्र और बैकग्राउंड की जांच-परख  करना है।

प्रोबेशन पीरियड में भी जा सकती है जॉब
सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीएफ के दो कर्मचारियों की अपील को खारिज करते हुए कहा कि खुद को लेकर जानकारी छिपाना गलत है। प्रॉसिक्यूसन और दोषसिद्धि से सवाल के जवाब में किसी भी जानकारी को छिपाना या गलत जानकारी देना कर्मचारी के चरित्र, व्यवहार, बैकग्राउंड को प्रभावित करता है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि अगर कंपनी यह पाती है कि कर्मचारी ने अपनी योग्यता छिपाने और नौकरी पाने के लिए पात्रता प्रभावित करने वाली जानकारियां छिपाई हैं तो उसे बर्खास्त किया जा सकता है। अदालत ने यह भी कहा कि प्रोबेशन पीरियड में भी ऐसा पाए  जाने पर कर्मचारी को नौकरी से हटाया जा सकता है। 

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