ऐसे करती थीं खुद को मोटिवेट
जागृति कहती हैं कि बचपन में सिर्फ एक विचार था कि नौकरी करूंगी, अपना करियर बनाऊंगी। उनका संघर्ष वहां से शुरू हुआ। वह जो करना चाहती थीं। उसके लिए उनके पास समय नहीं था, जो नौकरी कर रही थीं, उसमें रूचि नहीं थी। जब उन्होंने नौकरी छोड़ी तो आय का स्रोत बंद हुआ तो जिस तरह से छात्र जीवन में अनुशासित तरीके से रहते हैं। उसी तरह से उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। नौकरी छोड़ने की वजह से आय का स्रोत बंद हुआ। कोविड महामारी के समय उन्हें यह भी विचार आया कि नौकरी नहीं छोड़नी चाहिए थी। उनका कहना है कि खुद को मोटिवेट करने का एक ही तरीका है कि आप तैयारी किस वजह से कर रहे हैं, यह देखिए, यह सोचिए की आप पढ़ाई क्यों कर रहे हैं?