UPSC 2020 अचीवर्सः वो कर सकते हैं तो मैं क्यूं नहीं, Interview वाला दिन जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन था

करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (UPSC Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi साल 2020 में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में 533वीं रैंक हासिल करने वाले आनंद कुमार सिंह (Anand Kumar Singh) से बातचीत की। आनंद ने हिंदी मीडियम से सफलता पाई है। आइए जानते हैं उनकी सक्सेज जर्नी। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 7, 2021 10:26 AM IST / Updated: Oct 07 2021, 05:08 PM IST

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UPSC 2020 अचीवर्सः वो कर सकते हैं तो मैं क्यूं नहीं, Interview वाला दिन जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन था

हिंदी मीडियम में सफलता के झंडे गाढ़े
UPSC Exam 2020 में बहराइच (Bahraich) के आनंद कुमार सिंह (Anand Kumar Singh) ने कमाल कर दिया। उन्हें तीसरे प्रयास (Third Attempt) में 533वीं रैंक मिली। आनंद (Anand Kumar Singh) के सामने आर्थिक तंगी जैसी चुनौती भी थी, लेकिन ये सब मिथक साबित हुए। उन्होंने मेहनत के बलबूते सफलता के झंडे गाढ़ दिए। इतना ही आनंद ने हिंदी मीडियम (Hindi Medium) में यूपीएससी एग्जाम क्रैक (UPSC Exam Crack Exam) किया है। 

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इंटरव्यू में हिंदी मीडियम में सबसे ज्यादा नंबर मिले
हिंदी मीडियम (Hindi Medium) से UPSC परीक्षा क्रैक (Crack Exam) करना आसान नहीं है। हाल के वर्षों में हिंदी मीडियम से सफल उम्मीदवारों की संख्या में गिरावट भी आई है। मगर बहराइच के सिंहपुर गांव निवासी आनन्द कुमार सिंह ने इस असंभव को संभव कर दिखाया। उन्हें इंटरव्यू में 184 नंबर मिले। हिंदी मीडियम से सफल उम्मीदवारों को इंटरव्यू में मिले नंबरों में यह अधिकतम हैं। उन्होंने UPSC परीक्षा में 533 वीं रैंक पाई है। यह उनका तीसरा प्रयास था। इसके पहले के दो प्रयासों में वह प्रारंभिक परीक्षा भी नहीं पास कर पाए थे।

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एमए करने के बजाए UPSC की तैयारी को दी तवज्जो
ग्रामीण पृष्ठभूमि के आनंद कुमार सिंह निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। उनके पिता मधुरेश सिंह किसान हैं। खेती किसानी की कमाई से ही परिवार और उनकी पढाई चलती थी। उन्होंने पिता के साथ खेतों में काम करते हुए पढ़ाई जारी रखी। आर्थिक तंगी परेशानी की वजह बनी। पर जब उनके बड़े भाई अनुज सिंह परिवार का सहारा बनें। तो लालटेन की रोशनी में पढाई करने वाले आनन्द गांव से निकले। उन्होंने बीएचयू से ग्रेजुएशन किया और आगे की पढाई के लिए दिल्ली गए। उनका कहना है कि उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। फिर छोड़ दिया, क्योंकि उन्हें लगा कि यदि वह एमए करेंगे तो ज्यादा समय लगेगा। खर्चों का वहन करना मुश्किल होगा और वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। उन्होंने सामान्य अध्यययन के लिए कोई कोचिंग नहीं की थी। खुद से ही तैयारी करना बेहतर समझा।

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निराशा में प्रेरणा की लौ बने ये विचार
आनंद कहते हैं कि वह जिस पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं। उस लिहाज से तैयारी करना आसान नहीं था। यूपीएससी के दो अटेम्पट में असफल हुए तो यूपीपीएससी की परीक्षा में भी शामिल हुए। पर वहां भी उन्हें असफलता मिली तो वह निराश हुए। बीएड करने का विचार आया। पर उसके पहले यूपीपीएससी की दूसरी परीक्षा का रिजल्ट आया। उसमें उन्हें सफलता मिली, तो सकारात्मकता आयी। उनके लिए परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन यही था कि वह जिस पारिवारिक पृष्ठभूमि से आए हैं। यदि वहां वापस जाते हैं तो वह गुमनाम जिंदगी जियेंगे। यहां कुछ भी पाएंगे तो वह उनके लिए सकारात्मक ही होगा। 

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टॉपर्स के इंटरव्यू ने किया मोटिवेट, मिल गया मुकाम
इसके अलावा उन्होंने बहुत सारे टॉपर्स के इंटरव्यू देखे कि वह पांचवें या छठवें प्रयास में क्वालिफाई कर रहे हैं तो यह देखकर उन्हें लगता था कि यदि वह कर सकते हैं तो मैं भी कर सकता हूं। यही विचार उनके मोटिवेशन की वजह बने।

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बड़े भाई और परिवार को देते हैं श्रेय
आनंद अपनी सफलता का श्रेय बड़े भाई अनुज सिंह को देते हैं। वह कहते हैं कि दोनों भाइयों ने मिलकर यह सपना देखा। उन्होंने मेरी योग्यता को पहचाना। मुझे आर्थिक सहयोग दिया। उनका भरोसा था कि मैं यह कर सकता हूं। दादाजी रामशरण सिंह, पिता मधुरेश सिंह व मां उमा सिंह ने भी उत्साह बढ़ाया।

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इंटरव्यू वाला दिन सबसे खूबसूरत दिनों में एक...
आनंद इंटरव्यू वाले दिन को याद करते हुए कहते हैं कि वह दिन मेरी जिंदगी के खूबसूरत दिनों में एक है। कई बार निराशा होती थी कि कैसे परीक्षा होगी, कैसे बोर्ड का सामना करेंगे। पांच लोगों का पैनल होता है। वह ऐसे प्रश्न न पूछ लें, जो मेरे दायरे से बाहर के हों। पर इंटरव्यू में मुझे हिंदी माध्यम का उच्चतम नम्बर मिला। इंटरव्यू 25 मिनट चला था।

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लक्ष्य प्राप्त कर समाज को अपनी सेवाएं दें
हम जिस भी पृष्ठभूमि से आ रहे है। हमें अपने और समाज की बेहतरी के लिए एक सपना देखना चाहिए। जरूरी नहीं है कि आप सिविल सर्वेंट ही बनें। किसी भी क्षेत्र में जाने की सोच सकते हैं। उस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने की सोच सकते हैं। अपने लक्ष्य को प्राप्त कर समाज को अपनी सेवायें प्रदान करें।

पाठयक्रम का हो सही ज्ञान
यूपीएससी की तैयारी के लिए हमें सेलेबस यानि पाठयक्रम का सही ज्ञान होना चाहिए। पहले सालों के प्रश्न पत्रों के सवालों और जवाब का अध्ययन करना चाहिए। उस पर एक राय होनी चाहिए कि किस तरह से तैयारी करनी है।

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बहुत सारे रिसोर्सेज पर भरोसा मत करें
बहुत सारे रिसोर्सेज पर भरोसा नहीं करना चाहिए। कुछ ही स्रोत हों, उन्हीं को दोहराएं। करेंट अफेयर्स पढ़ें और उसकी तैयारी करें। पढाई करते समय मोटिवेशन के लिए कुछ एक्टिविटी जरूर करें। जैसे- खेलना, टहलना और म्यूजिक आदि जो भी आपको पसंद है। यह लंबी यात्रा है, यहां थकान बहुत आती है।

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