इस मामले में चीन के लोग भारत से हैं आगे, रिपोर्ट में सामने आई चौंकाने वाली बात

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के अनुसार चीन के प्रति व्यक्ति की लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ गई हैं। यहां जीवन प्रत्याशा एक साल में 0.6 से अधिक बढ़कर 77.93 वर्ष हो गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 6, 2022 11:14 AM IST

हेल्थ डेस्क.  चीन (China) के लोग की औसत आयु (life expectancy )  में इजाफा हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि चीनी नागरिक भारतीयों के अपेक्षा ज्यादा जीवन जीते हैं। यहां के लाइफ एक्सपेक्टेंसी (औसत आयु) 77.93 वर्ष हो गई है। इसमें  0.6 का उछाल दर्ज किया गया है। NHC की ओर से जारी रिपोर्ट में  उच्च मध्यम आय वाले देशों की श्रेणी में ये सबसे ज्यादा है।

एनएचसी के योजना विभाग के निदेशक माओ कुनान ने बताया कि चीन में प्रति व्यक्ति औसत आयु बढ़कर 77.93 साल हो गई है। ताजा जनगणना के अनुसार 60 या उससे अधिक आयु के चीनी लोगों की संख्या 2020 तक 264 मिलियन तक पहुंच गई, जो देश की कुल आबादी का 18.7 प्रतिशत है। बीते साल जारी आंकड़ों के मुताबिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के शासन (1949) की शुरुआत के 35 साल की तुलना में साल 2019 में चीन के लोगों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़कर 77.03 हो गई थी। 

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भारत समेत इन देशों की औसत आयु के आंकड़े कुछ ऐसे हैं

वहीं, भारत की बात करें तो साल 2020 में यहां के लोगों की औसत आयु 70 थी। वहीं, पाकिस्तान की स्थिति भारत से काफी खराब है। यहां के लोगों की लाइफ एक्सेपक्टेंसी 67 हैं। यूके की 81 और यूएसए का 77 है। वहीं, जापान के लोगों की औसत आयु 85 है। स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रेलिया के लोगों की औसत आयु 83 साल है। सिंगापुर की 84 है जबकि इटली की 82 है।  यह साल 2020 के आंकड़ों की कहानी है।

चीन को  जनसांख्यिकीय संकट का सामना करना पड़ा

वहीं चीन के ताजा जनगणना के मुताबिक यहां,  स्वास्थ्य साक्षरता दर बढ़कर 25.4 प्रतिशत हो गई है, और 37.2 प्रतिशत चीनी लोग नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम में भाग लेते हैं। वहीं,  चीन को जनसांख्यिकीय संकट का सामना करना पड़ा क्योंकि उसके बच्चे के जन्म में खतरनाक रूप से कमी आई जबकि वृद्धावस्था की आबादी में बढ़ोतरी हुई। जिससे सरकार को बुजुर्गों की देखभाल और सुविधाओं का विस्तार करे की आवश्यकता हुई।

तीन बच्चों का कानून पारित किया गया

चीन ने 2016 में सभी जोड़ों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी, दशकों पुरानी एक-बाल नीति को खत्म कर दिया, जिसे नीति निर्माता वर्तमान जनसांख्यिकीय संकट के लिए दोषी मानते हैं। पिछले साल, चीन ने एक संशोधित जनसंख्या और परिवार नियोजन कानून पारित किया, जिससे चीनी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति मिली, जो कि बढ़ती लागत के कारण जोड़ों की अनिच्छा को दूर करने के लिए एक स्पष्ट प्रयास था। तीसरे बच्चे को अनुमति देने का निर्णय 2020 में एक दशक में एक बार होने वाली जनगणना के बाद आया है, जिसमें दिखाया गया है कि चीन की जनसंख्या सबसे धीमी गति से बढ़कर 1.412 बिलियन हो गई है।

तिब्बत में औसत जीवन प्रत्याशा, जहां उच्च ऊंचाई वाले इलाके के कारण ऑक्सीजन का स्तर कम रहता है, 1951 में 35.5 साल से बढ़कर पिछले साल 72.19 साल हो गया है।

2035 तक लाइफ एक्सपेक्टेंसी को 80 करना ड्रैगन का टारगेट
चीन ने बड़ी बीमारियों के खिलाफ अपने बचाव को स्ट्रॉन्ग किया है। जिसकी वजह से समय से पहले की 
मृत्यु दर वैश्विक औसत से यहां कम है। ड्रैगन ने 2025 तक अपने निवासियों के हेल्थ में सुधार के लिए अपने पांच साल के ब्लूप्रिंट को मई में तैयार किया है। इस में साल  2025 में उसकी लाइफ एक्सपेक्टेंसी एक और वर्ष बढ़ाकर 78.93 करने का लक्षय है। वहीं, साल 2035 तक इसका टारगेट  लाइफ एक्सपेक्टेंसी को 80 करने का है। 

चीन में औसत आयु बढ़ने के कारण

चीन ने स्वास्थ्य वातावरण पर जोर दिया है। उसने अपने ब्लूप्रिंट में स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान, फिटनेस, तंबाकू नियंत्रण, ई सिगरेट पर लगाम लगाने, शराब पर बैन, सही डाइट और मानसिक स्वास्थ्य पर जोर देने वाला खाका तैयार किया है।

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