केमिकल मिले रंगों से जानें क्या होते हैं नुकसान, एलर्जी हो तो अपनाएं ये घरेलू उपाय

होली को रंगों का त्योहार कहा गया है। अगर इस त्योहार पर रंग-गुलाल नहीं लगाया तो मजा नहीं आता। लेकिन केमिकल मिले या सिंथेटिक रंगों से कई बार बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 10, 2020 3:20 AM IST

हेल्थ डेस्क। होली को रंगों का त्योहार कहा गया है। अगर इस त्योहार पर रंग-गुलाल नहीं लगाया तो मजा नहीं आता। लेकिन केमिकल मिले या सिंथेटिक रंगों से कई बार बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है। होली के उत्साह में लोग रंग क्या, एक-दूसरे को पेंट भी लगा देते हैं। कई बार गोबर और कीचड़ से भी होली खेली जाती है। होली हमेशा ऐसे रंगों से खेलनी चाहिए, जिनमें केमिकल नहीं हों। लेकिन बाजार में ऐसे रंग जल्दी मिलते नहीं। इसलिए होली खेलते समय काफी सावधानी बरतनी चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि गुलाल से सूखी होली खेलें। पहले अक्सर लाल रंग से होली खेली जाती थी। लेकिन अब तो एल्यूमिनियम पेंट से भी लोग चेहरा रंगे नजर आते हैं। हरे रंग का भी काफी इस्तेमाल होता है। 

अलग-अलग रंगों से होने वाले नुकसान
हर रंग में अलग-अलग तरह का केमिकल मिला होता है। हरे रंग में कॉपर सल्फेट होता है, जिससे आंखों में एलर्जी हो सकती है। यह रंग जल्दी छूटता भी नहीं है। इससे स्किन में रैशेज हो सकते हैं। बैंगनी रंग में क्रोमियम ब्रोमाइड होता है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। सिल्वर कलर में एल्यूमिनियम ब्रोमाइड होता है। इससे स्किन कैंसर का खतरा भी हो सकता है। काले रंग में लेड काफी मात्रा में पाया जाता है, जिससे किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है। 

क्या बरतें सावधानी
यह कोशिश करें कि लाल रंग के अलावा दूसरे रंग का इस्तेमाल नहीं हो। वैसे लाल रंग में भी केमिकल होते हैं। फिर भी काले, हरे, बैंगनी और सिल्वर कलर से यह कम नुकसानदेह होता है। बेहतर तो यह है कि फूलों की पंखुड़ियों से घर में ही नैचुरल कलर तैयार करें, लेकिन यह सबों के लिए संभव नहीं है। इसलिए रंग खेलते वक्त कुछ सावधानी जरूर बरतें। शरीर का कोई हिस्सा खुला नहीं रखें। पूरी बांह की शर्ट पहनें। शरीर ठीक से ढका होने से रंगों का असर कुछ कम होगा। इसके साथ ही हाथ-पैर और चेहरे पर सरसों या नारियल का तेल लगा लें। बालों में भी नारियल का तेल ठीक से लगा लें। इससे रंग त्वचा और स्कैल्प के अंदर नहीं जा पाते। 

एलर्जी होने पर क्या करें
अगर रंग खेलने के दौरान त्वचा में जलन महसूस हो या रैशेज नजर आएं तो इसका मतलब है कि एलर्जी हो गई है। ऐसा होने पर तत्काल उस जगह को ठंडे पानी से धोएं और घर में मुल्तानी मिट्टी हो तो उसका वहां लेप कर दें। इससे तत्काल राहत मिलेगी। चेहरे पर जलन हो तो गुलाब जल की कुछ बूंदें पानी में डाल कर उससे चेहरा धो लें। आंखों में अगर रंग चला जाए तो गुलाब जल डालें। एलर्जी होने पर शरीर में खुजली और जलन होने लगती है। एलर्जी ज्यादा हो तो त्वचा का रंग लाल हो जाता है और चकत्ते पड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में एलोवेरा लोशन लगाने से फायदा होता है। लेकिन अगर जलन ज्यादा महसूस हो और चकत्ते काफी निकल गए हों तो डॉक्टर से मिलने में देर नहीं करें। 

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