बारिश के मौसम में दही खाना चाहते हैं, तो इन 5 बातों का रखें खास ख्याल, वरना पड़ जाएंगे लेने के देने

बारिश का मौसम आते ही लोग अपने खान-पान में बदलाव करने लगते हैं। कहा जाता है कि इस मौसम में पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। इसलिए कुछ चीजों को खाने पर रोक लगाई जाती है। उसमें एक दही भी है। 
 

हेल्थ डेस्क. बारिश का मौसम आते ही चटपटा खाने का मन करता है। लेकिन इस मौसम में पाचन क्रिया कमजोर होने की वजह से कुछ चीजों को खाने से मना किया जाता है। मानसून के दौरान जिन खानों पर बंदिश होती है उनमें एक दही भी होती है। तो क्या वाकई बारिश के मौसम में दही से बचना चाहिए। आयुर्वेद इसे लेकर क्या कहता है आइए जानते हैं।

मॉनसून में दही खाने से सेहत खराब होती है ये कहा जाता है। दही को लेकर एलोपेथ के डॉक्टर्स की अपनी राय होती है जबकि आयुर्वेद के डॉक्टर अलग सलाह देते हैं। आयुर्वेद की मानें तो बरसात में दही नहीं खानी चाहिए। दही ठंडी होती है। बरसात के मौसम में मॉश्चर अधिक होता है। ऐसे में दही खाने में कफ बनता है। जिसकी वजह से इस मौसम में दही खाने से परहेज करना चाहिए।

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दही में अभिष्यंदी गुण होता है

आयुर्वेद में कहा गया है कि दही में  अभिष्यंदी गुण होता है। अभिष्यंदी खाद्य पदार्थ के सेवन के बाद होने वाली स्थिति को कहते हैं। जिसमें शरीर के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। जिसकी वजह से शरीर में समस्या बढ़ जाती है। गले में खराश, कफ हो जाता है। इसके अलावा शरीर के जोड़ों में दर्द होने लगता है। पुराना दर्द भी उभरकर सामने आ जाता है।

ठंड से एलर्जी वाले को दही खाने से बचना चाहिए

वहीं, एलोपेथ में दही पर मनाही नहीं होती है। साइंटिफिक रूप से दही को हर मौसम में खाया जा सकता है। बस इसकी मात्रा कम ज्यादा हो  सकता है। जिसे ठंड से एलर्जी है उन्हें मॉनसून और ठंडी में दही से परहेज करना चाहिए। दही में विटामिन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मिलता है। इसमें अच्छे बैक्टीरिया यानी प्रोबायोटिक्स होते हैं जो हमारे गट को स्ट्रॉन्ग करते हैं। पाचन तंत्र मजबूत करते हैं। इतना ही नहीं गैस की समस्या, ब्लोटिंग और डायरिया से बचाते हैं। ऐसे में बारिश के मौसम में लंच के दौरान एक कप दही खाई जा सकती है।

रात में दही खाने से करना चाहिए परहेज

रात में दही खाने से भी परहेज करने की बात कही गई है। मेडिकल में इसे मना किया गया है जो कि सही है। दही में पानी की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए रात में इसे खाने से पचना चाहिए। हां लेकिन रायता के रूप में इसे ले सकते हैं। आयुर्वेद की मानें तो बरसात के शुरुआत में दही खाई जा सकती है। सावन में दही की मात्रा बिल्कुल कम लेनी चाहिए। वहीं भादो में इसे बिल्कुल लेना नहीं चाहिए। इससे शरीर में तेज दर्द, पाचन में दिक्कत और बुखार जैसी स्थिति हो सकती है।

बरसात में दही खाते हैं तो ध्यान रखने वाली बातें

1.दही की मात्रा बिल्कुल कम करे दें
2.लंच में सिर्फ एक कप दही लें
3.रात में दही बिल्कुल ना लें। रायता ले सकते हैं
4.भादो के महीने में दही को खुद से रखें दूर
5. ठंड से एलर्जी है तो दही को बरसात में बिल्कुल ना खाएं

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