
फूड डेस्क : प्लास्टिक हमारी जिंदगी का ऐसा हिस्सा बन गया है जिसके बिना कोई भी काम पूरा नहीं होता है। चाहे बाजार से सब्जी लानी हो तो प्लास्टिक की पॉलीथिन में आती है या फिर बचा हुआ खाना फ्रिज में रखना है तो भी इसे प्लास्टिक के डिब्बे में भरकर लोग रख देते हैं और दोबारा इसी प्लास्टिक कंटेनर में डालकर माइक्रोवेव में गर्म कर लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक के कंटेनरों को रेफ्रिजरेटर में रखने से क्या समस्या हो सकती है? अगर नहीं, तो आइए हम आपको बताते हैं प्लास्टिक के डिब्बों को यूज करने के नुकसान...
क्या आप भी करते हैं प्लास्टिक के डिब्बों में खाना स्टोर
सालों से हम देखते आ रहे हैं कि प्लास्टिक के कंटेनरों में बचे हुए खाने को रेफ्रिजरेट किया जाता है। लेकिन यह प्लास्टिक के कंटेनर जब बहुत ज्यादा ठंडे या बहुत ज्यादा गर्म वातावरण के संपर्क में आते हैं तो रसायन छोड़ सकते हैं और यह रसायन स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते हैं, इसलिए आपको कभी भी फ्रिज में प्लास्टिक के डिब्बों में कोई भी खाने का आइटम नहीं रखना चाहिए, ना इन्हें माइक्रोवेव या ओवन में रखना चाहिए। आप स्टील के कंटेनर या कांच के कंटेनरों का इस्तेमाल फ्रिज में खाना स्टोर करने के लिए कर सकते हैं।
प्लास्टिक कंटेनर से होने वाले नुकसान
प्लास्टिक के कंटेनरों में मौजूद कुछ रसायनों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, महिलाओं को प्रजनन संबंधी समस्याएं, बच्चों में विकास की कमी और यह कुछ कैंसर के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है। प्लास्टिक का यूज करने से किडनी और लीवर पर भी प्रभाव पड़ता है।
पीईटी बर्तनों का करें इस्तेमाल
अगर आप किचन में या फ्रिज में स्टोर करने के लिए सही बर्तन का चुनाव करना चाहते हैं, तो आप पीईटी यानी कि पॉलीएथिलीन टेरिफ्थेलैट से बने बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कंटेनर सामान्य प्लास्टिक के बर्तनों से अलग होते हैं और हेल्थ के लिए नुकसानदायक नहीं होते हैं, क्योंकि इनमें खाना स्टोर करने से या इसमें खाना गर्म करने से कोई रसायन नहीं निकलते हैं।
नियमित रूप से बदले बर्तन
आप घर में किसी भी तरह के बर्तन का इस्तेमाल करें चाहे वह प्लास्टिक हो या पीईटी से बने बर्तन हो यह ध्यान रखना जरूरी है कि प्लास्टिक के बर्तनों को बार-बार उपयोग नहीं करना चाहिए। समय के साथ प्लास्टिक के रसायन हमारे खाने में रिस सकते हैं। ऐसे में प्लास्टिक के बर्तनों को नियमित रूप से बदलते रहे ताकि संभावित जोखिम को कम करने में मदद मिल सके।
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