आंखें रगड़ना पड़ेगा इस हद तक भारी, जल्द ही आ जाएगी कॉर्निया ट्रांसप्लांट की बारी

Eye Rubbing Side Effects: आंखें रगड़ने से खुजली तो अस्थायी रूप से कम हो सकती है लेकिन इससे आंखों से जुड़ी कई बड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यहां जानें 5 कारण आखिर आंखें क्यों नहीं रगड़नी चाहिए?

Shivangi Chauhan | Published : May 27, 2024 2:11 PM IST

हेल्थ डेस्क : अक्सर आपने कई लोगों को आंखें रगड़ते हुए देखा होगा। इसका कारण थकान, ड्राइनेस या जलन जैसी आंखों में सेंसटिविटी प्रतिक्रिया होना है। हालांकि आंखें रगड़ने से परेशानी या खुजली अस्थायी रूप से कम हो सकती है लेकिन इससे आंखों में बड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा ही मलेशिया में एक 21 वर्षीय व्यक्ति के साथ हुआ, जिसे बार-बार अपनी आँखें रगड़ने की आदत थी, जिसके कारण उसे कॉर्निया ट्रांसप्लांट सर्जरी करानी पड़ी। मुहम्मद ज़बिदी को बचपन से ही कई तरह की एलर्जी रही है। वह बार-बार अपनी आंखें रगड़ता थे जब तक कि वे लाल न हो जाएं लेकिन यह उनके लिए महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया। जब वह 15 वर्ष के हुए, तो उन्होंने देखा कि उनकी सीधी आंख की रोशनी धुंधली हो गई थी और भविष्य में यह स्थिति और भी खराब हो गई।

21 साल के लड़के की आंख हुई खराब

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डॉक्टरी सलाह लेने के बाद उन्हें पता चला कि उनकी आंखों को बार-बार रगड़ने से उनके कॉर्निया को काफी नुकसान पहुंचा है। अपनी आंखों की रोशनी वापस पाने के लिए उन्हें कॉर्निया ट्रांसप्लांट कराना होगा। ज़बिदी ने इस बारे में बताया कि पिछले कुछ वर्षों में उनकी दृष्टि खराब हो गई,जिसके परिणामस्वरूप 21 साल की उम्र में उनके कॉर्निया पर निशान पड़ गया। अब एक सफल कॉर्निया ट्रांसप्लांट हुआ है, जहां उनके क्षतिग्रस्त कॉर्निया को एक नए से बदल दिया गया है। उन्होंने बताया कि उनकी हालत स्थिर है लेकिन उनकी दाहिनी आंख पर प्लास्टर लगा हुआ है और वह उसे नहीं खोल सकते।

जानें 5 कारण आखिर आंखें क्यों नहीं रगड़नी चाहिए?

1. आंखें रगड़ने से जलन और क्षति होना

आंखों को रगड़ने से आंखों के आसपास के नाजुक टिश्यू में जलन और सूजन हो सकती है, जिससे कॉर्नियल खरोंच या इंफेक्शन भी हो सकता है।

2. बैक्टीरिया और वायरस फैलना

आपके हाथ कई बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीवों को आश्रय देते हैं जो रगड़ने से आपकी आंखों में जाते हैं। ऐसे में आंखों में संक्रमण पैदा हो सकता है या बुरी स्थितियों को बढ़ाता है।

3. टियर फिल्म बाधित होना

आंखों को रगड़ने से आंखों की सुरक्षा और चिकनाई देने वाली टियर फिल्म बाधित हो सकती है, जिससे सूखी आंखों के लक्षण और परेशानी बढ़ सकती है।

4. आंखों में तनाव और थकान का कारण

अत्यधिक रगड़ने से आंखों के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे आंखों में थकान, सिरदर्द और संभावित रूप से ड्राइनेस या ब्लेफेराइटिस (पलक की सूजन) जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

5. आंखों में चोट लगने का खतरा

ज्यादा ताकत के साथ आंखों को रगड़ने से आंखों में चोट लग सकती है। जैसे कि कॉर्नियल घर्षण, सबकोन्जंक्टिवल हैमरेज या यहां तक कि गंभीर मामलों में रेटिनल डिटेचमेंट भी हो सकता है।

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