चाइनीज लहसुन में छिपा है खतरा ! जानें कैसे पहचाने देसी और चीनी लहसुन

Health Hazards of Chinese Garlic: क्या आप जानते हैं कि भारतीय बाजारों में चाइनीज लहसुन बिक रहा है? यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। जानें चाइनीज लहसुन के नुकसान और देसी लहसुन को कैसे पहचाने।

 

Anshika Tiwari | Published : Sep 29, 2024 7:43 AM IST / Updated: Sep 29 2024, 01:14 PM IST

हेल्थ डेस्क। लहसुन का इस्तेमाल ज्यादातर घरों में होता है। ये खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है। वहीं, आम सब्जियों के मुकाबले लहसुन महंगा होता है। ऐसे में अगर कहा जाए कि आप जो लहसुन खरीद रहे हैं वो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इतना ही नहीं इसका उत्पादन भी भारत में नहीं किया गया है तो आप क्या कहेंगे। दरअसल, भारतीय बाजारों में इन दिनों चाइनीज लहसुन बिकने के मामले तेज हो गए हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिंता व्यक्त की है। अदालत ने यूपी सरकार के साथ केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। बता दें, साल 2014 में चीनी लहसुन को भारत में बैन कर दिया गया था,जिसके बाद एक बार फिर ये धड़ल्ले से बाजार मे बेंचा जा रहा है। तो चलिए जानते हैं आखिर चाइनीज लहसुन शरीर के लिए कितना नुकसानदायक है।

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शरीर के लिए क्यों हानिकारक चाइनीज लहसुन

वैसे तो लहसुन स्वाद में योगदान देने के साथ कई स्वास्थ्य लाभ देता है। यह बैक्टीरिया, फंगस को नष्ट करने में मदद करता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि लहसुन में कैंसर रोधी गुण होते हैं जो इम्यून सिस्टम मजबूत करते हैं, हालांकि चीना लहसुन को फर्टीलाइज किया जाता है। दुनिया में लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक चीन है। चीनी लहसुन में अत्यधिक कीटनाशकों और रसायनों का उपयोग इसे स्वास्थ्य के लिए खतरा बनाता है। इससे अल्सर, संक्रमण और गैस्ट्रिक जैसी पाचन समस्याएं हो सकती हैं और लंबे समय तक इसका सेवन किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो चीनी लहसुन को लंबे वक्त तक स्टोर करने के लिए केमिकल का छिड़काव किया जाता है। जिससे लहसुन में काले धब्बे पड़ जाते हैं। इन्हें  हटाने के लिए क्लोरीन से ब्लीच किया जाता है। ये प्रक्रिया वाकई खतरनाक है जो सांस संबंधी समस्याओं को जन्म देती है।

देसी लहसुन से कितना अलग चीनी लहसुन?

एक्सपर्ट्स मानते हैं जो गुण देसी लहसुन में पाये जाते हैं वह चीनी लहसुन में नहीं होते हैं। क्योंकि चीन में ज्यादातर किसान लहसुन को स्टोर करने के लिए मिथाइल ब्रोमाइड नामक केमिकल का यूज करते हैं। जिसमें पेस्टीराइड का मात्रा काफी ज्यादा होती है। ये किडनी डैमेज करता है। ज्यादातर लोग सस्ते लहसुन के नाम पर इसका सेवन कर रहे हैं। वहीं प्रतिबंध के बाद इसे आसानी से खरीदा जा सकता है।

देसी और चीनी लहसुन को कैसे पहचानें

ऐसे में सवाल है कि देसी और विदेशी लहसुन को कैसा पहचाना जा सकता है। तो आप शारीरिक बनावट से इसकी पहचान कर सकते हैं। चीनी लहसुन आकार में छोटा होता है और इसका रंग चमकदार सफेद या गुलाबी होता है। जबकि भारतीय लहसुन आकार में बड़ा और इसका छिलका सफेद से गुलाबी या हल्के भूरे रंग का होता है। वहीं जब बात स्वाद और सुगंध की आती है तो भारतीय लहसुन की गंध तीखी और स्वाद मजबूत होता है,जबकि चीनी लहसुन में हल्की सुगंध और कम तीखापन होता है। इसके अलावा चीनी लहसुन को छीलना आसान होता है। इसलिए लोग इसे खरीदना पसंद करते हैं। वहीं, भारतीय लहसुन में छोटी और बारीक कलियां होती हैं, जिन्हें छीलना थोड़ा मुश्किल होता है।

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