Intersex मच्छर कैसे रोक सकते हैं डेंगू-ज़ीका और चिकनगुनिया?

Published : Jul 26, 2024, 04:49 PM IST
nancy tiwari

सार

वर्जीनिया टेक के रिसर्चकर्ताओं ने मच्छरों की आबादी को कंट्रोल करने क लिए एक नई मेथड विकसित की है। जो कि डेंगू, जीका, पीला बुखार और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को रोक सकता है।

हेल्थ डेस्क. दुनिया भर के लोग मच्छर के जरिए फैलने वाली बीमारी से पीड़ित हैं। डेंगू, मलेरिया,जीका, पीला बुखार और चिकनगुनियां जैसी बीमारियां आए दिन तबाही लेकर आती है। लाखों लोग इन बीमारियों की वजह से वक्त से पहले दुनिया से चले जा रहे हैं। लेकिन अगर वैज्ञानिकों का एक शोध कामयाब होता है तो फिर मच्छरों की आबादी को कम किया जा सकता है जो इन बीमारियों की वजह बनते हैं।

वर्जीनिया टेक के रिसर्चर ने मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए एक नई मेथड विकसित की है, जो कीटनाशकों का ऑप्शन बन सकती है।कम्युनिकेशंस बायोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी में कहा गया है कि अगर मच्छरों में लिंग निर्धारण मार्ग को समझना और उसकी गड़बड़ियों को पहचानना, जीन मैनिपुलेशन के जरिए रोग वाहक के प्रभावी नियंत्रण में अहम भूमिका निभा सकता है। इस मेथड में मच्छरों के लिंग को अलग करने की तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

पैदा होंगे ज्यादा नर मच्छर

इस स्टडी में एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti )और एडीस मास्केरेन्सिस ( Aedes mascarensis) के बीच जेनेटिकल बेस्ड एनालिसिस किया गया। एडीस एजिप्टी डेंगू जैसी वैश्विक आर्बोवायरल बीमारियों के लिए प्रमुख वाहक है, जबकि एडीस मास्केरेन्सिस हिंद महासागर क्षेत्र से संबंधित है। रिसर्चर ने इन दोनों मच्छरों का सेक्स कराया और इससे जो संतान पैदा हुआ उसपर स्टडी की। जिसमें पाया कि 10 प्रतिशत संतति इंटरसेक्स हो गई जो कि प्रजनन में सक्षम नहीं थीं। जब हाइब्रिड संतानों को एक बार फिर से एक माता-पिता के साथ मिलाया गया, तो ये इंटरसेक्स मच्छर पैदा हुए।

मादा मच्छर की आबादी घटेगी, तो बीमारी कम फैलेंगे

इस स्टडी का मकसद का मकसद मच्छरों की आबादी को कैसे नियंत्रित किया जाए इसे लेकर है। अगर भविष्य में इंटरसेक्स मच्छर ज्यादा पैदा होते हैं तो वो बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं होंगे। क्योंकि स्टडी में सामने आया है कि इंटरसेक्स से केवल नर मच्छर पैदा होंगे। जिससे मादा मच्छर की संख्या घटती जाएगी। जिससे च्छरों की कुल संख्या में कमी लाई जा सकेगी। इससे फायदा यह होगा कि मच्छर द्वारा फैलने वाली बीमारियां, जैसे कि डेंगू, पीला बुखार, चिकनगुनिया, और ज़ीका, का प्रसार धीमा किया जा सके।

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