
हेल्थ डेस्क.ओडिशा के अस्पताल जापानी एन्सेफलाइटिस (Japanese Encephalitis) को लेकर अलर्ट मोड पर है। यहां पर पांच बच्चे इस बीमारी के चपेट में आ गए हैं। इसके बाद जेल में बंद कुछ कैदियों में इसके लक्षण देखे गए हैं। बालासोर में मौजूद सोरो में एक आवासीय स्कूल के पांच छात्रों को यह बीमारी हो गई है। इसके बाद चार कैदियों में जापानी एन्सेफलाइटिस के लक्षण दिखने के बाद उन्हें जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीमारी के कारण नीलगिरि के दहानिमारा इलाके के 10वीं कक्षा के छात्रा की शनिवार को अस्पताल में मौत हो गई। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन अलर्ट पर है।
जापानी एन्सेफलाइटिस क्या है
जापानी एन्सेफलाइटिस मच्छर काटने से होने वाली वायरल संक्रमण है। जो मस्तिष्क में सूजन का कारण बनता है। यह एक घातक संक्रामक बीमारी है। इससे बच्चे सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं। 250 संक्रमणों में से केवल 1 को एन्सेफलाइटिस का निदान किया जाता है। वहीं, ज्यादातर मामले बहुत हल्के होते हैं।
जापानी एन्सेफलाइटिस के लक्षण
सिरदर्द
हाई फीवर
उल्टी
दोरे और विचलन
ट्रीटमेंट
जापानी एन्सेफलाइटिस के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। रोगी को कुछ हफ्तों तक पूरा बेडरेस्ट करना चाहिए। खूब लिक्विड लेना चाहिए। पौष्टीक आहार लेना चाहिए।
एडेनोवायरस से पीड़ित बंगाल
ओडिशा में जापानी एन्सेफलाइटिस का खौफ है वहीं, बंगाल में एडेनोवायरस (Adenovirus) का कहर बरपा है। कोलकाता में एडेनोवायरस की चपेट में बच्चे आ रहे हैं। एएनआई से बात करते हुए संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ सायन चक्रवर्ती ने बताया कि बच्चों की कम रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण जोखिम हाई होता है। बड़ों में बच्चों की तुलना में इम्युनिटी पावर ज्यादा होतो है इसलिए बच्चों को संक्रमित होने के ज्यादा चासेंज होते हैं। इस वायरस के कारण उनके ही अस्पताल में 150 लोग भर्ती हैं।
एडेनोवायरस क्या है
एडेनोवायरस संक्रमण ऐसे वायरस हैं जो आमतौर पर सांस की बीमारी, हल्की सर्दी या फ्लू जैसी बीमारी का कारण बनते हैं। दो साल और उससे कम उम्र के बच्चे इ वायरस से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
एडेनोवायरस के लक्षण
एडेनोवायरस संक्रमण के सबसे आम लक्षण 3 दिनों से ज्यादा वक्त तक बुखार, खांसी, गले की खराश ,नाक बहना, दस्त ,तेज सांस लेना और उल्टी होता है।
क्या है इलाज
एडेनोवायरस हवा में खांसने से और छींकने से त्वचा के संपर्क से और संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैल सकता है। हालांकि अभी तक इसका कोई ठोस इलाज नहीं बना है।
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