Study: डिप्रेशन कहीं खराब न कर दे याददाश्त, Memory loss और डिप्रेशन का है गहरा कनेक्शन

Memory loss and Depression symptoms connection: हाल ही में एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि डिप्रेशन की बीमारी व्यक्ति की याददाश्त पर बुरा प्रभाव डालती है। डिप्रेशन और मेमोरी लॉस एक-दूसरे से गहरा कनेक्शन है।

 

हेल्थ डेस्क। JAMA साइकेट्री में हाल ही एक रिपोर्ट पब्लिश हुई है जो डिप्रेशन और मेमोरी लॉस के कनेक्शन के बारे में जानकारी देती है। यदि किसी व्यक्ति की मेमोरी यानी याददाश्त खो गई है तो व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण ज्यादा दिखने लगेंगे। वहीं दूसरी तरफ स्टडी में डिप्रेशन के कारण मेमोरी लॉस की बात भी सामने आई है। जानिए स्टडी में दोनों बीमारियों के कनेक्शन के बारे में क्या बताया गया।

डिप्रेशन और मेमोरी लॉस का कनेक्शन

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मेमोरी लॉस और डिप्रेशन के संबंध में बहुत से शोध हो चुके हैं। मेमोरी लॉस और डिप्रेशन दोनों एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। JAMA साइकेट्री में प्रकाशित रिपोर्ट में 8000 प्रतिभागियों के 16 वर्षों के डेटा का एनालिसिस करके देखा गया। स्टडी में ये बात सामने आई कि जिन लोगों में डिप्रेशन के लक्षण थे उनकी मेमोरी धीरे-धीरे घटती जा रही थी। वहीं जिन लोगों को मेमोरी लॉस की समस्या थी उनमें डिप्रेशन के लक्षण बढ़ने की बहुत अधिक संभावना थी। दोनों बीमारियों के बीच बायडायरेक्शन रिलेशनशिप से पता चलता है कि ये एक-दूसरे को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं। स्टडी की मदद से साइंटिस्ट ओल्ड एज लोगों के लिए ऐसा ट्रीटमेंट तैयार कर सकते हैं जिससे दोनों ही बीमारियों के लक्षण को कम करने में मदद मिले।

डिप्रेशन के कारण खोने लगती है याददाश्त

जब व्यक्ति लंबे समय तक तनाव में रहता है तो डिप्रेशन के लक्षण दिखने लगते हैं। इस कारण से नर्वस सिस्टम के काम में रुकावट पैदा होती है। सेरोटोनिन, नेरोपीनेफ्राइन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का प्रोडक्शन बहुत जरूरी होता है।बातों और यादों को सजों कर रखने के लिए न्यूरोट्रांसमीटर अहम रोल अदा करते हैं। लगातार डिप्रेशन के कारण दिमाग के महत्वूर्ण क्षेत्र हिप्पोकैम्पस को नुकसान होता है। इस कारण से व्यक्ति का धीरे-धीरे मेमोरी लॉस होने लगता है।

डिप्रेशन का नींद पर पड़ता है बुरा प्रभाव

डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति की नींद बहुत ज्यादा प्रभावित होती है। इस कारण से व्यक्ति बातों को याद रखने में परेशानी महसूस करने लगता है। ये एक दिन नहीं बल्कि लंबे समय तक चलने वाली प्रक्रिया है। लंबे समय तक डिप्रेशन, नींद न आना व्यक्ति की मेमोरी को कमजोर करने लगता है। बुजुर्ग व्यक्तियों में ऐसे लक्षण आसानी से देखने को मिलते हैं। 

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