2 नहीं इतने Type का होता है डायबिटीज, इन अच्छी आदतों से मैनेज होगी बीमारी

डायबिटीज एक गंभीर स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। टाइप 1, टाइप 2 और अन्य प्रकारों की जानकारी और घरेलू उपचार जैसे आहार में बदलाव, व्यायाम, हर्बल उपचार से डायबिटीज मैनेजमेंट हो सकता है।

Bhawana tripathi | Published : Sep 18, 2024 11:56 AM IST

हेल्थ डेस्क: जब भी डायबिटीज का नाम आता है तो लोग टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज के बारे में बात करते हैं। शायद आपको जानकारी नहीं होगी लेकिन डायबिटीज एक नहीं बल्कि कई प्रकार का होता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको डायबिटीज के विभिन्न प्रकार और बचाव के लिएघरेलू उपायों के बारे में भी बताएंगे। 

डायबिटीज के प्रकार

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जब खून में शुगर की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो व्यक्ति डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित हो जाता है। हमारे शरीर में इंसुलिन नाम का हार्मोन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का काम करता है। किसी कारण से इंसुलिन की पर्याप्त मात्रा नहीं बन पाती है या शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पता है तो व्यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाता है। डायबिटीज आजीवन रहने वाली बीमारी का नाम है जिसे मैनेज किया जा सकता है। जानिए डायबिटीज के विभिन्न प्रकार के बारे में।

 1.टाइप 1 डायबिटीज - टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून कंडीशन है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम इंसुलिन प्रोड्यूस करने वाली पेनक्रियाज कोशिकाओं पर अटैक करता है। इस कारण से इंसुलिन का प्रोडक्शन नहीं हो पता है और व्यक्ति डायबिटीज का मरीज बन जाता है।

2. टाइप 2 डायबिटीज- अनहेल्थी लाइफस्टाइल जीने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज के सबसे ज्यादा चांसेस रहते हैं। इस कंडीशन में व्यक्ति का शरीर इंसुलिन के प्रति रेजिस्टेंट (प्रतिरोधी) हो जाता है। इंसुलिन पर्याप्त न बनने के कारण डायबिटीज की बीमारी हो जाती है।

3.जेस्टेशनल डायबिटीज - जेस्टेशनल डायबिटीज महिलाओं को प्रेग्नेंसी के समय होता है। बच्चों की डिलिवरी के बाद अक्सर जेस्टेशनल डायबिटीज ठीक हो जाता है। कुछ महिलाओं को बाद में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

4. एडल्ट्स में लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज (LADA): यह डायबिटीज वयस्कों में होता है जो ऑटोइम्यून है और टाइप 2 डायबिटीज जैसा लगता है। इस डायबिटीज में व्यक्ति को इंसुलिन ट्रीटमेंट की जरूरत बहुत जल्दी होती है।

5. सिस्टिक फाइब्रोसिस डायबिटीज: जिन लोगों को सिस्टिक फाइब्रोसिस की समस्या होती है उनमें सिस्टिक फाइब्रोसिस डायबिटीज का खतरा रहता है। ऐसे डायबिटीज के लक्षण टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज से काफी हद तक मिलते- जुलते हैं।

डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए घरेलू उपाय

  1. डायबिटीज को मैनेज करने के लिए आपको खाने में साबुत अनाज, फलियां, विभिन्न प्रकार की सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। साथ ही पोर्शन साइज का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए।
  2. आपको 1 दिन में कितनी कैलोरी लेनी चाहिए, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।
  3. हफ्ते में 3 बार 150 मिनट तक मॉडरेट एरोबिक एक्टिविटी के साथ ही वॉक और साइकलिंग जरूर करें।
  4. ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें।
  5. ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने के लिए आप रोजाना दालचीनी का सेवन करें। दालचीनी इन्सुलिन सेंसटिविटी को बेहतर बनाती है।
  6. ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए योग का अभ्यास करें। इससे स्ट्रेस को मैनेज करने में मदद मिलेगी। 
  7. साथ ही 7 से 9 घंटे की नींद लेकर भी आप डायबिटीज मैनेज कर सकते हैं।

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