
सागर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर (Sagar) जिले के बंडा (Banda) थाना इलाके में पुलिस का न्याय देने का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां परिवार के ही दो लोगों में विवाद हो गया और आरोप है कि एक पक्ष ने दूसरे की जमकर पिटाई कर दी। मामले की शिकायत थाने में की गई तो पुलिस ने दोनों पक्षों की समस्या सुनी। मामला पेंचीदा हुआ तो दोनों पक्षों को थाने में स्थित मंदिर के सामने खड़ा किया। यहां कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है, इसका फैसला सिर पर गंगाजल रखकर किया गया। हालांकि, दोनों ने अपने सिर पर गंगाजल रखा और अपनी-अपनी गलती मानी। इसके बाद आगे भविष्य में विवाद ना हो, इसके लिए दोनों पक्षों को गंगाजल रखकर कसम दिलवाई। पुलिस का ये फैसला और राजीनामा कराए जाने का तरीका चर्चा का विषय बन गया है।
बंडा थाने की पुलिस ने दो पक्षों के विवाद को मंदिर के सामने खड़ा करके निपटा दिया। ऐसे में दोनों पक्षों को अब ना थाने में आना पड़ेगा। ना ही कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने होंगे। पुलिस के न्याय का तरीका भी अजब-गजब है। पहले दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे थे। कोई सच बताने को तैयार नहीं था। मामला पारिवारिक विवाद का था। ऐसे में पुलिस ने धर्म की मदद ली और मंदिर के सामने लाकर खड़ा कर दिया। यहां दोनों पक्षों को सच बोलने के लिए अनोखा तरीका निकाला और सिर पर गंगाजल रखकर सच बोलने की कसम दिलवाई। आखिर में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी गलती स्वीकार कर ली और भविष्य में विवाद ना करने की कसम भी ली।
यह है पूरा मामला
दरअसल, बंडा थाना क्षेत्र के ग्राम बूड़ाखेड़ा निवासी पुष्पेंद्र सिंह लोधी ने पुलिस से शिकायत की थी कि सरपंच पति आमोल सिंह ने मारपीट की है। जबकि सरपंच पति अमोल सिंह ने भी पुष्पेंद्र सिंह पर बार-बार झूठी शिकायतें करने का आरोप लगाया था। इसी मामले को लेकर रविवार को दोनों पक्ष बंडा पुलिस थाने पहुंचे थे। पुलिस ने दोनों पक्षों पर कार्रवाई की बात कही। ऐसे में दोनों पक्ष थाना परिसर में बने राम मंदिर में पहुंचे। यहां पुजारी की उपस्थिति में दोनों पक्षों ने बारी-बारी से लोटे में गंगाजल लेकर सिर पर रखा और अपनी गलती स्वीकार की। इसके बाद दोनों के बीच सुलह हो गई।
ये कहा- पीड़ित और फरियादी ने...
सरपंच पति अमोल सिंह ने बताया कि पुष्पेंद्र बार-बार झूठे आरोप लगाकर शिकायतें करता रहता है। वो कहता है कि मुझे उसने 10 हजार रुपए दिए हैं। लेकिन, मुझे 10 पैसे नहीं दिए। उसने मुझे गाली दी थी तो मैंने एक थप्पड़ मार दिया था। वहीं, शिकायतकर्ता पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि अमोल ने उसके पिता का प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची से नाम कटवा दिया था। मेरे साथ मारपीट की है। हालांकि मामले में दोनों पक्षों के गलती स्वीकार कने के बाद आपसी समझौता हो गया।
बूढ़ाखेड़ा के एक ही परिवार के दो सदस्यों में आपसी विवाद था। शनिवार को न्यायालय परिसर के सामने दोनों के बीच विवाद हुआ था। मामले में दोनों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की थी। आज दोनों को थाने बुलाया था। थाने में आकर दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से मंदिर में जाकर राजीनामा कर लिया है।- मानस द्विवेदी, थाना प्रभारी, बंडा
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