सार
आदेश के पीछे जिला आबकारी अधिकारी आरपी किरार का तर्क है कि, शराब पीने वाला झूठ नहीं बोलता। वह हमेशा ईमानदारी से सच कहता है। 25 साल की नौकरी का तर्जुबा है। हो सकता है बार-बार टोकने से ग्राहक को शर्म आए और वह वैक्सीन लगवा ले।
खंडवा : मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में कोरोना वैक्सीन न लगावाने वालों के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। ऐसा ही एक हथकंडा चर्चा का विषय बन गया है। खंडवा (Khandwa) जिले में आबकारी विभाग ने वैक्सीन न लगवाने वालों के लिए नया फरमान जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक जिले में अब वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद ही शराब खरीद सकेंगे। बिना दोनों डोज के शराब की दुकानों से शराब अब नहीं दी जाएगी। अगर आप शराब के शौकीन हैं तो आपको दुकान पर पहले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा, उसके बाद ही आपको शराब दी जाएगी। टीकाकरण की रफ्तार में तेजी लाने के लिए यह आदेश जारी किया गया है।
क्या है आदेश?
खंडवा आबकारी विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि शराब खरीदने वालों को दोनों कोरोना टीके लगे होने के बाद ही उन्हें शराब दी जाएगी। जिले की 56 देसी शराब दुकानों और 19 विदेशी शराब की दुकानों पर ये आदेश लागू कर दिया गया है। दरअसल, सरकार का टारगेट है कि 31 दिसंबर तक 100 फीसदी वैक्सीन कर दिया जाए। यही वजह है कि पहले PDS से बंटने वाले राशन के बाद अब जिले में शराब पर पाबंदी लगा दी गई है।
शराबी झूठ नहीं बोलता
आदेश के पीछे जिला आबकारी अधिकारी आरपी किरार ने कहा हिंदुस्तान में शराब पीने वाला कभी झूठ नहीं बोलता है। शराब पीने वाले हमेशा ईमानदारी से सच कहता है। उनका तर्क है कि, शराब पीने वाला झूठ नहीं बोलता, 25 साल की नौकरी का तर्जुबा है। हो सकता है बार-बार टोकने से ग्राहक को शर्म आए और वह वैक्सीन लगवा ले।
नहीं दिख रहा असर
आबकारी विभाग का यह आदेश सिर्फ कागजी और हवा है। किसी भी दुकान पर नियमों का पालन नहीं करवाया जा रहा है। इस संबंध में दो दिन बाद भी दुकानदारों को जानकारी तक नहीं है। इसी तरह पिछले महीने प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया था कि शराब खरीदी पर बिल दिया जाएगा। लेकिन बिल मांगने पर दुकान संचालक बिल नहीं देते हैं।
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