2 सितंबर को नौसेना में शामिल होगा भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS Vikrant, पीएम मोदी रहेंगे मौजूद

भारत का पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत दो सितंबर को नौसेना में शामिल होगा। इसके लिए केरल के कोच्चि में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  कार्यक्रम में शामिल होंगे।
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 25, 2022 8:56 AM IST / Updated: Aug 25 2022, 02:30 PM IST

नई दिल्ली। भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) दो सितंबर को नौसेना में शामिल होगा। इस अवसर कोच्चि में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान मौजूद रहेंगे।

भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने गुरुवार को कहा कि आईएनएस विक्रांत भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में योगदान देगा। आईएनएस विक्रांत का नौसेना में शामिल होना ऐतिहासिक पल होगा। यह देश की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय नौसेना दूसरे विमानवाहक पोत के निर्माण पर जोर दे रही है? उन्होंने कहा कि इस पर विचार-विमर्श जारी है।

विक्रांत को बनाने में लगे हैं 20 हजार करोड़ 
एसएन घोरमडे ने कहा कि आईएनएस विक्रांत राष्ट्रीय एकता का भी प्रतिक है। इसे बनाने में लगे पुर्जे विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए हैं। इसे बनाने में करीब 20 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। पोत ने पिछले महीने चौथा और अंतिम समुद्री ट्रायल पूरा किया है। आईएनएस विक्रांत के निर्माण के साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिसके पास विमान वाहक पोत बनाने की क्षमता है। 

पोत पर तैनात होंगे 1700 जवान
आईएनएस विक्रांत समुद्र में तैरते एयरपोर्ट की तरह है। इसपर करीब 1700 नौसैनिक तैनात रहेंगे। पोत पर तैनात होने वाली महिला नौसैनिकों के लिए विशेष केबिन बनाए गए हैं। पोत में 2300 से अधिक पुर्जे लगे हैं। विक्रांत की अधिकतम रफ्तार 51 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसकी क्रूजिंग स्पीड 33 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह एक बार में 13890 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है। 

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262 मीटर लंबा है विक्रांत 
विक्रांत की लंबाई 262 मीटर है। यह 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है। इसका निर्माण 2009 में शुरू हुआ था। पोत में चार गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं। इनसे कुल मिलाकर 88 MW बिजली पैदा होती है। पोत के निर्माण के लिए 2007 में रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच समझौता हुआ था। नौसेना ने कहा कि विमानवाहक पोत को 2 सितंबर को नेवी में शामिल किया जाएगा।

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