मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद पहली बार कैबिनेट ब्रीफिंग गुरुवार शाम को हुई। इस दौरान सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने प्रेस के सामने सरकार कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताया।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार में कैबिनेट विस्तार के अगले दिन से ही मोदी के मंत्री एक्शन मोड में आ गए हैं। गुरुवार को कई बड़े ऐलान किए गए। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोरोना की थर्ड वेव से निपटने के लिए स्पेशल इमरजेंसी हेल्थ पैकेज की घोषणा की है तो कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने मंडियों के नहीं खत्म होने का आश्वासन देते हुए धरनारत किसानों से बातचीत के जरिए हल निकालने की अपील की है।
मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद पहली बार कैबिनेट ब्रीफिंग गुरुवार शाम को हुई। इस दौरान सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने प्रेस के सामने सरकार कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताया।
कृषि मंडियों के लिए दिया आश्वासन
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील की है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसी भी सूरत में कृषि मंडियां खत्म नहीं होंगी। एपीएमसी के लिए एक लाख करोड़ का फंड इस्तेमाल करने का फैसला हुआ है। इसके अलावा सरकार ने दो करोड़ का ऋण किसान इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए दिया है। कृषि मंत्री ने कहा कि नारियल विकास बोर्ड 1981 में अस्तित्व में आया था। बोर्ड के एक्ट में सुधार होगा। इसका अध्यक्ष गैर शासकीय होगा। केंद्र सरकार द्वारा नामित छह होंगे। आंध्र प्रदेश और गुजरात भी इसके मेंबर होंगे।
तीसरी लहर के लिए इमरजेंसी पैकेज
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि पहली लहर में कोरोना पैकेज से ही चार लाख से ज्यादा आक्सीजन सपोर्टेड बेड बने हैं। 10111 डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर की स्थापना भी इसी फंड से की गई है। कोरोना की तीसरी वेव के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने 23 हजार 100 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया। कहा कि इस फंड को केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस्तेमाल करेंगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस फंड से हर राज्य की सीएचसी और पीएचसी में 2 लाख 44 हजार बेड बनाए जाएंगे। इसके अलावा पांच हजार और 2500 बेड का ओपन हॉस्पिटल बनाने के लिए भी फंड का इस्तेमाल किया जाएगा। 20 हजार नए आईसीयू बेड भी बनेंगे।
हर जिले में दस हजार लीटर आक्सीजन स्टोरेज की व्यवस्था
अब हर जिले में 10 हजार लीटर आक्सीजन स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही डिस्ट्रिक्ट लेवल पर दवाओं के स्टॉक की योजना भी है। 736 जिलों में पीडियाट्रिक यूनिट बनाने का प्रावधान का भी किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर मेडिकलकर्मियों की जरूरत पड़ती है तो इस जुलाई से अगली मार्च तक सभी मेडिकल स्टूडेंट्स की सेवा राज्य सरकारें ले सकेंगी।
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