राजस्थान में अंधा कानून, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 50 फीसदी वृद्धि: राज्यवर्धन सिंह राठौड़

नेशनल क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक आज महिलाओं के ऊपर अत्याचार के मामलों में दुर्भाग्य से राजस्थान देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है जबकि दलितों पर अपराध में राजस्थान दूसरे से पहले स्थान की ओर अग्रसर है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 10, 2021 1:50 PM IST / Updated: Jul 10 2021, 07:31 PM IST

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राजस्थान में बदतर होती कानून व्यवस्था को लेकर अशोक गहलोत सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। राठौर ने राजस्थान में बढ़ती महिला उत्पीड़न पर कहा कि प्रदेश में एक के बाद एक महिलाओं के साथ हो रही बलात्कार की घटनाएं बेहद चिंतनीय है और ऐसा मालूम पड़ता है कि वहां सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।

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प्रदेश कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता और नकारात्मक राजनीति का एकमात्र लक्ष्य है किसी न किसी प्रकार से सत्ता में बने रहना तथा केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को बेवजह घेरकर अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर लिया जाय। राठौर ने राजस्थान की दयनीय कानून व्यवस्था पर हमला करते हुए कहा कि प्रदेश एक तरह से अंधा कानून चल रहा है। साथ ही, पीड़ितों को मामले दर्ज कराने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। राजस्थान कांग्रेस की सरकार में नोटों के आगे कुछ नहीं चलता है।

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राज्य में पीड़ित, शोषित और वंचितों की कोई नहीं सुनता है। इसी कारण से एक के बाद एक घिनौनी करतूते वहां हो रही हैं। राजस्थान की सरकार का एक ही लक्ष्य है, सत्ता में बने रहना। इसकी वजह से ही उन्होंने सबको खुली छूट दे रखी है। इसी कारण राज्य के हालात इतने खराब हैं। राठौर ने कहा कि पूरे देश में देश का कानून चलता है, लेकिन राजस्थान में अंधा कानून चलता है। नेशनल क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि आज महिलाओं के ऊपर अत्याचार के मामलों में दुर्भाग्य से राजस्थान देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है जबकि दलितों पर अपराध में राजस्थान दूसरे से पहले स्थान की ओर अग्रसर है। 

राजस्थान में, पिछले 6 महीने में दुष्कर्म की वारदात में 30 फीसदी तक इजाफा हुआ। वहीं, पिछले एक महीने में 550 केस सामने आए। साल 2020 में 13 हजार 750 दुष्कर्म के केस सामने आए। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 2019 के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि वर्ष 2018 से 2019 के बीच राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सिर्फ कोरोना काल में प्रदेश में, महिला अपराध का आंकड़ा 38% तक बढ़ा है।

 

 

राठौर ने कहा कि अपराधों के बढ़ते आंकड़ों में वर्ष 2018 से जो सिलसिला शुरू हुआ वह वर्ष 2020 व 2021 में भी अनवरत जारी है। राजस्थान पुलिस द्वारा पेश किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2020 में 32 हजार से ज्यादा महिला अपराध दर्ज किए गए। महिला उत्पीडन के मामले में दलितों की संख्या कहीं ज्यादा है। हाल ही में अलवर में बलात्कार के 7 मामले आये हैं। हाल ही में, राजस्थान के झालवाड़ जिले में मोची मोहल्ला निवासी दलित युवक ‘कृष्णा वाल्मीकि’ की सरे राह मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई है। हमले में दलित युवक की मौत हो गई। अगर यही घटना किसी बीजेपी शासित राज्य में हुई होती, तो सुर्खियां बन चुकी होती। राहुल, प्रियंका से लेकर दलितों के ठेकेदार भी सब मौन है। क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है।

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राठौर ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में कोरोना काल में भी खाना मांग रही महिला के साथ जघन्य गैंगरेप की घटना हुई। लॉकडाउन के समय जब पूरा देश कोरोना से लड़ रहा था। उस समय राजस्थान की महिलाएं और बच्चियां कोरोना के साथ साथ ऐसे हैवानों से भी खुद को बचा रही थी क्योंकि इनको बचाने वाली वहां की सरकार आंख और कान बंद करके बैठी हुई थी।

राठौर ने कहा कि शांत प्रदेश के रूप में पहचाने जाने वाला राजस्थान अब अपराध का अड्डा बन गया है। यहां आए दिन हत्या, बलात्कार व डकैती जैसी घटनाएं सामने आ रही है, जिनसे राज्य की छवि धूमिल हो रही है। सांसद पर भी हमले हो रहे हैं। कुछ ही दिन पहले कोरोना काल में समर्पण भाव से जनता की सेवा में जुटी भाजपा सांसद रंजीता कोली पर जानलेवा हमला हुआ। राठौर ने कहा कि राजस्थान में मतदाताओं ने कांग्रेस की सरकार को चुना है और उन्हें प्रदेश की जनता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में लगातार असफल साबित हो रही है।
 

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