Rajasthan: CM गहलोत के सामने दिग्गज मंत्रियों में खुलकर तकरार, एक-दूसरे को निशाने पर लिया, धौंस दिखाई

Published : Nov 17, 2021, 03:46 PM IST
Rajasthan: CM गहलोत के सामने दिग्गज मंत्रियों में खुलकर तकरार, एक-दूसरे को निशाने पर लिया, धौंस दिखाई

सार

राजस्थान (Rajasthan) में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Harish Chaudhry) को जब से पंजाब (Punjab) का प्रभारी बनाया गया है, तब से वे लगातार चंडीगढ़ (Chandigarh) में कैंप किए हैं। कहा तो ये भी जा रहा है कि चौधरी अब चंडीगढ़ से ही राजस्व विभाग (Revenue Department) चला रहे हैं। हालांकि, चौधरी ने पंजाब प्रभारी बनते ही मंत्री पद छोड़ने की बात कही थी। उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ फॉर्मूला लागू होना चाहिए। चौधरी के इस बयान से गुजरात प्रभारी बनाए गए स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा (Raghu Sharma) और शिक्षा मंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) पर भी मंत्री पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है।   

जयपुर। राजस्थान (Rajasthan)के शिक्षा मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) का विवादों से नाता नहीं छूट रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक (cabinet meeting) में भी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Harish Chaudhry) के बीच राजस्व विभाग (Revenue Department) के काम पेंडिंग होने को लेकर जमकर नोकझोंक हो गई। दोनों ने एक-दूसरे को निशाने पर लिया और जमकर भड़ास निकाली। इस मीटिंग में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी चंडीगढ़ (Chandigarh) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे। मीटिंग में डोटासरा ने ‘प्रशासन गांवों के संग’अभियान को लेकर सवाल खड़े किए तो चौधरी ने भी खुलकर जवाब दिया।

डोटासरा ने बैठक में कहा कि ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान में सबसे ज्यादा राजस्व मामले पेंडिंग में हैं। राजस्व मंत्री चंडीगढ़ जाकर बैठ गए हैं, हम किससे जाकर कहें। तहसीलदारों की पोस्ट खाली है। इस अभियान में नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के अधिकार दिए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार नहीं दिए गए।’ इतना ही नहीं, डोटासरा ने जोहड़ की जमीन का मुद्दा भी उठाया। डोटासरा के लगातार हमलावर होने पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का पारा चढ़ गया। उन्होंने पलटवार किया और कहा- ‘आप काम बताइए, मैं चंडीगढ़ में बैठे-बैठे ही सब कर दूंगा। फिर भी ज्यादा जरूरी हुआ तो मैं चार्टर लेकर जयपुर आ जाऊंगा आपके पास। मैं चंडीगढ़ रहूं या जयपुर... काम पर इसका फर्क नहीं पड़ता।’ इस पर डोटासरा की भौंहें तन गईं और उन्होंने कहा- आप चार्टर की धौंस मत दिखाया करो। इस नोकझोंक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हस्तक्षेप करना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हो सका।

कटारिया और शर्मा ने भी सवाल किए
बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया (Lalchand Kataria) और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा (Raghu Sharma) ने भी एक-एक करके राजस्व विभाग से संबंधित पेंडिंग केस का उठाया। कटारिया ने कहा कि ग्रामदानी गांवों में पट्टे नहीं दिए जा सकते, उनमें नियम आड़े आ रहे हैं। राजस्व नियमों में बदलाव नहीं किया गया, इससे ग्रामदानी गांवों के लोग परेशान हैं। यह काम अब नहीं हुआ तो कभी भी नहीं होगा। इस मसले को अब तक दूर नहीं किया, जबकि अभियान शुरू हो चुका है। ये नियम अभियान से पहले ही बदलने चाहिए थे। मंत्री शर्मा ने बीसलपुर विस्थापितों का मामले उठाया और कहा- इस मसले में फैसला होने के बावजूद अब तक आदेश नहीं किए गए। 

मंत्रियों के विवाद के पीछे अंदरूनी सियासत 
डोटासरा और चौधरी के बीच मंत्रिपरिषद की बैठक में विवाद के पीछे की असल कहानी कुछ और मानी जा रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इस विवाद को सियासी वर्चस्व से जोड़कर देखा जा रहा है। बताते हैं कि चौधरी पहले राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार थे। लेकिन, पायलट की कुर्सी जाने के बाद ये जिम्मेदारी डोटासरा को मिल गई। हाल में चौधरी को चंडीगढ़-पंजाब का प्रदेश प्रभारी बना दिया है। कहा जा रहा है कि ये बात स्थानीय स्तर पर नेताओं को नागवार गुजर रही है। चूंकि प्रदेश प्रभारी का कद प्रदेश अध्यक्ष से ऊपर माना जाता है। इसलिए अंदरूनी तौर पर बड़े नेताओं की बीच खींचतान सामने आती रहती थी। लेकिन, मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में खुलकर सामने आ गई।

6 महीने पहले धारीवाल से भिड़े थे डोटासरा
बता दें कि इसी साल जून के पहले सप्ताह में कैबिनेट की बैठक में ही विवाद हो गया था। तब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) और गोविंद सिंह डोटासरा के बीच खासी नोंकझोंक हो गई थी। तब केंद्र से वैक्सीन नहीं मिलने पर विरोध को लेकर पार्टी में ही आपसी खींचतान बढ़ गई थी। एक पक्ष चाहता था कि इस मसले पर सभी मंत्रियों को कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देना चाहिए, जबकि दूसरा पक्ष इस बात से इत्तेफाक नहीं रख रहा था। धारीवाल ने कहा था कि मंत्री ज्ञापन देने क्यों जाएं, जबकि डोटासरा ने प्रभारी मंत्रियों को ज्ञापन देने के लिए कहा था। हालांकि, ये झड़प भी सियासी गलियारों में खूब चर्चा में रही थी। 

चौधरी ने ‘एक व्यक्ति एक पद’ की पैरवी की, इससे बढ़ी दूसरों में नाराजगी
बताते हैं कि हरीश चौधरी को जब से पंजाब का प्रभारी बनाया गया है, तब से वे लगातार चंडीगढ़ में कैंप किए हैं। उनका लगातार चंडीगढ़ दौरा लगा रहता है। कहा तो ये भी जा रहा है कि चौधरी अब चंडीगढ़ से ही राजस्थान का राजस्व विभाग चला रहे हैं। हालांकि, चौधरी ने भी प्रभारी बनते ही मंत्री पद छोड़ने की बात कही थी। उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ फॉर्मूला लागू होना चाहिए। चौधरी के इस बयान से गुजरात प्रभारी बनाए गए स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और शिक्षा मंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर भी मंत्री पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है। चौधरी के सार्वज​निक बयान देने से दोनों मंत्री नाराज बताए जा रहे हैं। 

Rajasthan में 21-22 नवंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार, ये 3 बड़े मंत्री इस्तीफा देंगे, गहलोत-पायलट में सहमति बनी

CM गहलोत ने मंच से पूछा: ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए घूस देना पड़ता? Teachers के shocking जवाब से सभी रह गए सन्न

Rajasthan में राहत भी-आफत भी: गहलोत सरकार ने पेट्रोल-डीजल सस्ता किया, मगर महंगी कर दी बिजली

सीएम गहलोत के सामने मंच पर बोलते-बोलते कांग्रेस नेता की मौत, उपचुनाव में पहुंचे थे वोट मांगने

चन्नी ने कराई गहलोत की किरकिरी: फ्यूल रेट कम करने का विज्ञापन दिया तो सबसे ज्यादा रेट राजस्थान में बताए

PREV

राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

Jaipur Honor Killing: 25 में पति की मौत, 30 में हुआ प्यार तो ससुराल वालों ने दोनों को जिंदा जलाया
कौन हैं कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की दुल्हन, जयपुर में कर रहे भव्य शादी