राजस्थान में ACB की ऐसी कार्रवाई कभी नहीं: फिल्मी स्टाइल में 30 किमी तक घूसखोर का पीछा किया, फिर भी हाथ खाली

देशभर में धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध राजस्थान के सीकर स्थित खाटूश्यामजी में बीती रात एसीबी टीम ने कार्रवाई की। यहां एक घूसखोर जेईएन को पकड़ने के लिए टीम ने 30 किमी तक पीछा किया लेकिन आरोपी 3 गाड़ियों को टक्कर मारता हुआ फरार हो गया।

Sanjay Chaturvedi | Published : Dec 21, 2022 8:08 AM IST / Updated: Dec 21 2022, 01:44 PM IST

सीकर ( sikar).देशभर में धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध खाटूश्यामजी में बीती रात एसीबी टीम ने कार्रवाई की। यह पूरी कार्रवाई एक फिल्मी कहानी की तरह रही (rajasthan news)। जैसे ही घूसखोर अधिकारी को पता चला कि ऐसी भी उसे पकड़ने आ रही है तो वह तुरंत गाड़ी लेकर वहां से फरार हो गया। रास्ते में घूसखोर ने तीन गाड़ियों को टक्कर भी मार दी। एसीबी के अधिकारियों ने घूसखोर को पकड़ने के लिए 30 किलोमीटर तक उसका पीछा भी किया। लेकिन घूसखोर का कुछ पता नहीं चल पाया। हालांकि पुलिस ने मामले में दो दलालों को गिरफ्तार किया है। वहीं एक होटल के कमरे से जेईएन के 5 लाख रुपए मिले हैं।

इस वजह से एसीबी ने की छापेमारी, फरार हुआ जेईएन
दरअसल सीकर के एसीबी ऑफिस में सीकर के खाटूश्यामजी इलाके के एक ठेकेदार ने मामला दर्ज करवाया कि नगरपालिका का एक अधिकारी उसके प्लॉट का पट्टा पास करने की एवज में डेढ़ लाख रुपए मांग रहा है। ऐसे में एसीबी ने पुख्ता जानकारी की। इसके बाद पहले दो दलालों ने 50 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद मंगलवार शाम जेईएन खुद ठेकेदार के कामों का निरीक्षण करने के लिए रवाना हुआ। वही उसने अपने दोनों दलालों को भी बुला लिया। एसीबी भी तुरंत पीछे पीछे पहुंच गई। जैसे ही दलाल पूरण और मगनलाल ने रिश्वत के एक लाख रुपए लिए। सीकर एसीबी की टीम ने तुरंत उन्हें दबोच लिया। हालांकि जब दूर खड़े आरोपी दिनेश को इस बारे में पता चला तो वह अपनी गाड़ी लेकर फरार हो गया। एसीबी टीम ने उसे पकड़ने का प्रयास भी किया लेकिन वह हाथ नहीं निकला। 

30 किमी तक किया पीछा, फिर भी लौटे खाली हाथ
एसीबी की टीम भी नहीं रुकी और लगातार 30 किलोमीटर तक उसका पीछा करती रही। रास्ते में वह तीन गाड़ियों को टक्कर मार कर भाग निकला। लेकिन इसके बाद जब एसीबी ने दोनों दलालों से पूछताछ की तो कई चौकाने वाले खुलासे हुए। रिश्वतखोर जेईएन खाटूश्यामजी में ही एक होटल में किराए पर रहता था। जब एसीबी की टीम वहां पहुंची तो 5 लाख रुपए मिले। सबसे ताज्जुब की बात तो यह है कि घूसखोर जेईएन का तबादला हो चुका था। लेकिन वह ट्रांसफर पर स्टे लेकर वहीं रुका हुआ था।

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