21 लाख दीये शहर को अपनी रौशनी से जगमग करेंगे। इस दिन यहां का नजारा दीपावली की तरह होगा। शहर का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा। इसमें करीब 40 लाख रुपए का खर्च आएगा। बता दें कि अयोध्या में दिवाली पर 12 लाख दीपक जलाए गए थे जबकि वाराणसी में देव दीपावली पर 15 लाख से ज्यादा।
उज्जैन : महाशिवरात्र (Maha Shivratri 2022) के मौके पर भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में गजब का नजारा है। आज सुबह-सुबह तीन बजे ही महाकाल मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। सबसे पहले भस्म आरती हुई। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा का दर्शन कर रहे हैं। भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल चढ़ाया गया। इसके बाद पंचामृत अभिषेक पूजन में दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बाबा का अभिषेक किया गया। भांग से महाकाल का श्रृंगार किया गया है। जो देखने लायक ही है। महाशिवरात्र के इस पावन पर्व पर अयोध्या की तरह महाकाल की नगरी का श्रृंगार होगा। शाम को एक साथ दीये उज्जैन को रोशन करेंगे।
दीयो से सजाई जाएगी नगरी
21 लाख दीये शहर को अपनी रौशनी से जगमग करेंगे। इस दिन यहां का नजारा दीपावली की तरह होगा। शहर का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा। इसमें करीब 40 लाख रुपए का खर्च आएगा। बता दें कि अयोध्या (Ayodhya) में दिवाली पर 12 लाख दीपक जलाए गए थे जबकि वाराणसी (Varanasi) में देव दीपावली पर 15 लाख से ज्यादा। अब इन दोनों शहरों से ज्यादा दीयों से उज्जैन को सजाने का प्लान है।
ये है पूरा प्लान
उज्जैन में महाशिवरात्रि पर 9 दिनों तक पर्व मनाया जाता है। जिला प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक जब इस पर्व को लेकर योजना बन रही थी तो प्लान था कि 15 लाख दीये जलाए जाएंगे लेकिन कार्यक्रम में लोगों की सहभागिता को देखते हुए 21 लाख दीये जलाने की योजना बनाई गई। इसमें सामाजिक संगठनों, छात्र और दूसरे धर्मों से जुड़े लोगों को भी जोड़ा गया। कई समितियों का गठन किया गया। क्षिप्रा नदी के किनारे एक हजार दीपक लगाकर इसका बकायदा रिहर्सल भी किया गया। उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से ऐसी प्लानिंग बनाई गई है ताकि एक आदमी कम से कम 100 दीये लगा सके।
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कहां कितने दीये जलाए जाएंगे
महाशिवरात्रि पर क्षिप्रा नदी के भूखी माता मंदिर घाट से लेकर रामघाट तक 12 लाख दीपक लगाए जाएंगे। तीन लाख दीपक अलग-अलग जगह, घरों और प्रतिष्ठानों में लगेंगे। महाकाल मंदिर में 51 हजार, फ्रीगंज टॉवर पर एक लाख, शहर के मंगलनाथ, चिंतामन मन, काल भैरव, भूखी माता, हरसिद्धि मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भी दीपक जलाए जाएंगे। दीयों को लगाने के लिए 12 हजार स्वयंसेवक लगेंगे। इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी दी गई है।
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बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड
दुनिया में यह पहली बार होगा जब इतनी बड़ी संख्या में दीपक जलाए जाएंगे। आयोजन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के अफसरों से संपर्क किया गया है। जल्द ही, टीम के कुछ सदस्य तैयारी देखने उज्जैन आने वाले हैं। सभी दीये शाम सात बजे एक साथ जलाए जाएंगे। शाम सात बजे सायरन बजेगा और फिर दीये जलने शुरू हो जाएंगे। सभी दीपक करीब एक घंटे तक जलेंगे।
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