नागद्वारी मंदिर के अंदर नागदेवता की कई मूर्तियां हैं। इससे थोड़ी आगे स्वर्ग द्वार है, यहां भी नागदेव की प्रतिमाओं की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी भक्त यहां दर्शन करने आते हैं उनकी हर इच्छा पूरी होती है। एक मान्यता ये भी है कि इन पहाड़ियों पर सर्पाकार पगडंडियों से यात्रा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। नागद्वारी में गोविंदगिरी पहाड़ी पर मुख्य गुफा में शिवलिंग पर काजल लगाने की परंपरा भी है, कहते हैं इससे शिवजी प्रसन्न होते हैं।
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