Sawan 2023: कौन हैं अशोक सुंदरी, जिन्हें कहते हैं भगवान शिव की पुत्री?

Sawan 2023: इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन मास चल रहा है। ये महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास है। कुछ ग्रंथों में भगवान शिव की पुत्री के बारे में बताया गया है, जिनका वर्णन पद्म पुराण में मिलता है। बहुत कम लोग इनके बारे में जानते हैं।

 

उज्जैन. सावन (Sawan 2023) मास 4 जुलाई से शुरू हो चुका है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भगवान शिव के परिवार का हर सदस्य पूजनीय है जैसे माता पार्वती, भगवान श्रीगणेश और कार्तिकेय। शिव परिवार के इन सदस्यों के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन भगवान शिव की पुत्री के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। (who is the daughter of lord shiva) शिवजी की पुत्री के बारे में पद्म पुराण में बताया गया है। आगे जानिए कौन हैं भगवान शिव की पुत्री…

कौन हैं अशोक सुंदरी? (Who is Ashok Sundari)
पद्म पुराण के अनुसार, जब भगवान शिव तपस्या में रहते थे तो उस समय देवी पार्वती अकेलापन महसूस करती थीं। अपने इस अकेलेपन को दूर करने के लिए उन्होंने सभी की इच्छा पूरी करने वाले कल्पवृक्ष से एक पुत्री की इच्छा प्रकट की। देवी पार्वती की इसी इच्छा को पूरा करने के लिए एक सुंदर कन्या प्रकट हुई। अ+शोक यानी सुख, देवी पार्वती को सुखी करने के लिए प्रकट हुई इस कन्या का नाम अशोक सुंदरी रखा गया। भगवान शिव ने भी इन्हें पुत्री के समान स्नेह दिया।

Latest Videos

किससे हुआ अशोक सुंदरी का विवाह? (To whom did Ashok Sundari get married?)
देवी पार्वती ने अशोक सुंदरी को वरदान दिया था कि उसका विवाह इंद्र के समान युवक से होगा। एक समय देवराज इंद्र जब असुरों से भयभीत होकर तपस्या करने चले गए तब स्वर्ग का सिंहासन खाली हो गया। तब सभी देवताओं ने मिलकर तय किया कि इंद्र के समान किसी और को इस स्वर्ग का राजा बनाया जाए। उस समय पृथ्वी पर राजा नहुष का शासन था, जो देवराज इंद्र के समान ही शक्तिशाली थे। देवताओं ने उन्हें अपना राजा चुना और स्वर्ग का अधिपति बना दिया। नहुष से ही अशोक सुंदरी का विवाह हुआ।

ययाति से शुरू हुआ पुरुवंश
राजा नहुष और अशोक सुदंरी की अनेक संतानें हुईं, इनमें से ययाति भी एक थे। ययाति भी अपने पिता की ही तरह महाशक्तिशाली और पराक्रमी थे। ययाति की दो पत्नियां थीं शर्मिष्ठा और देवयानी। इनसे ही यदु और पुरु आदि पुत्रों का जन्म हुआ। यदु से यादव वंश चला, जिसमें आगे जाकर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ और पुरु से पुरुवंश चला, जिसमें आगे जाकर कौरव और पांडवों का जन्म हुआ।


ये भी पढ़ें-

Sawan में करें राशि अनुसार उपाय, महादेव की कृपा से हो सकते हैं मालामाल


Sawan 2023: 19 साल बाद सावन में शिव-विष्णु की पूजा का शुभ संयोग, कैसे करें इन दोनों देवताओं को प्रसन्न?


सावन में शिवजी को चढ़ाएं ये 10 चीजें, मिलेगी दिन दूनी-रात चौगुनी तरक्की


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी