होली के मौके पर सिवनी जिले के पांजरा गांव में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है, होलिका दहन के दूसरे दिन यानी धुरेड़ी पर यहां मेघनाद मेले का आयोजन किया जाता है। रावण के पुत्र मेघनाद के प्रतीक के रूप में 60 फीट ऊंची मचान बनाई जाती है। इसके ऊपर लकड़ी से एक बड़ी चकरी बनाई जाती है। जिस व्यक्ति की मन्नत पूरी हो जाती है, वो उस चकरी के एक सिरे पर बांधकर झूले की तरह घूमाया जाता है। ये दृश्य देखकर ही सिर चकराने लगता है, लेकिन जिनकी मन्नतें पूरी होती हैं, उन्हें वे हंसते-हंसते ये काम करते हैं।