इस मंदिर में हैं एशिया के सबसे भारी गणेश जी, 20 फीट ऊंची है मूर्ति

भारत अपने अद्भुत देवी देवताओं और उनके अनोखे मंदिरों के लिए जाना जाता है। खासकर दक्षिण भारत में कई देवताओं के अनोखे मंदिर पाए जाते हैं। इनमें से एक है तमिलनाडु के पुलियाकुलम में श्री मुंथी विनायक गणपति का मंदिर।

Asianet News Hindi | Published : Sep 4, 2019 1:41 PM IST / Updated: Sep 04 2019, 07:28 PM IST

कोयंबटूर.  भारत अपने अद्भुत देवी देवताओं और उनके अनोखे मंदिरों के लिए जाना जाता है। खासकर दक्षिण भारत में कई देवताओं के अनोखे मंदिर पाए जाते हैं। इनमें से एक है तमिलनाडु के पुलियाकुलम में श्री मुंथी विनायक गणपति का मंदिर। इस मंदिर में भगवान गणेश की एशिया की सबसे भारी प्रतिमा है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच खासा लोकप्रिय है। 

- पूरे एशिया में यह गणपति भगवान की सबसे भारी प्रतिमा है। यह प्रतिमा 14 टन वजनी है और पूरी प्रतिमा एक ही ग्रेनाइट पत्थर पर बनाई गई है। 
- इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा ग्रेनाइट की एक ही चट्टान पर उकेरी गई है, जिसका वजन लगभग 140 क्विंटल है।  
-  साल 1982 में यह मंदिर बनना शुरू हुआ था। 6 साल बाद बप्पा का पूरा मंदिर बनकर तैयार हुआ।   
- बप्पा की इस प्रतिमा के एक हाथ में अमृत का कलश भी है। 
- यहां कालसर्प दोष और बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालू यहां आते हैं।  
-  इस प्रतिमा की कमर में कमरबंद के तौर पर वासुकी नाग विराजित हैं। दरअसल यह प्रतिमा कमल के फूल पर विराजित गणपति की है।
- भगवान गणेश की 20 फीट ऊंची और 11 फीट चौड़ी यह प्रतिमा गणपति के आरोग्य प्रदान करने वाले स्वरुप को दर्शाती है। 
 

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