धनलाभ से लेकर घर की समस्याओं तक...चंद्रग्रहण पर करें ये आसान उपाय
ग्रहण में किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। इन उपायों से आपकी बहुत सी समस्याओं का निराकरण हो सकता है व मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं।
Asianet News Hindi | Published : Jul 16, 2019 9:42 AM IST / Updated: Jul 16 2019, 04:06 PM IST
उज्जैन. इस बार 16 जुलाई, मंगलवार को खग्रास चंद्रग्रहण है। ये ग्रहण भारत सहित अन्य देशों में देखा जाएगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, ग्रहण में किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही उपाय बता रहे हैं, जो आप चंद्रग्रहण पर कर सकते हैं। इन उपायों से आपकी बहुत सी समस्याओं का निराकरण हो सकता है व मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं।
धन लाभ के लिए उपाय
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ग्रहण के पहले नहाकर साफ पीले रंग के कपड़े पहन लें।
ग्रहण काल शुरु होने पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके ऊन या कुश के आसन पर बैठ जाएं।
अपने सामने पटिए (बाजोट या चौकी) पर एक थाली में केसर का स्वस्तिक या ऊँ बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करें। इसके बाद उसके सामने एक शंख थाली में स्थापित करें।
अब थोड़े से चावल को केसर में रंगकर शंख में डालें। घी का दीपक जलाकर नीचे लिखे मंत्र का कमलगट्टे की माला से ग्यारह माला जाप करें-
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि भुक्ति मुक्ति प्रदायिनी।
मंत्र पुते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।।
मंत्र जप के बाद इस पूरी पूजन सामग्री को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें।
घर के लिए उपाय
ग्रहण काल से पहले नहाकर सफेद रंग के कपड़े पहन लें।
इसके बाद ऊन या कुश के आसन पर उत्तर की ओर मुख करके बैठ जाएं।
अब अपने सामने एक थाली रखें।
इसके बाद एक भोजपत्र लें तथा उस पर अपने स्वयं के मकान होने की मनोकामना केसर से लिख कर रख दें।
अब 108 बार नीचे लिखा मंत्र बोलें-
ऊँ देवोत्थाय नम:
अब एक मोती शंख लें और उसे भोज पत्र में लपेट कर घर से दूर किसी वट वृक्ष (बड़ का पेड़) के नीचे रख आएं। इस उपाय से आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है।
प्रमोशन के लिए उपाय
ग्रहण से पहले नहाकर साफ कपड़े पहन लें और एक शिवलिंग अपने पूजन कक्ष में स्थापित कर लें।
ग्रहण प्रारंभ होने पर कुश का आसन बिछाकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
अब रुद्राक्ष की माला से शिवलिंग के सामने इस मंत्र का जप करें-
ऊँ हुं कार्य सिद्धये क्लीं हौं
ग्रहण समाप्त होने के बाद शिवलिंग का पूजन करें तथा दूसरे दिन शिवलिंग को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें या शिवमंदिर में अर्पित कर दें।