यूपी के जिले मेरठ में हथकड़ी का प्रयोग बैरिकेडिंग का इस्तेमाल पुलिस कर रही है। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। पुलिस का यह कारनाम कई सवाल उठा रहे है। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के जिले मेरठ में हथकड़ी लगने के बाद भी कई शातिर अपराधी फरार हो चुके हैं। इस तरह के हालात में भी पुलिस ड्यूटी के प्रति गंभीर नहीं है और अब बैरिकेडिंग में जंजीर की जगह हथकड़ी ही लगा दी है। इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इस वजह से सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा करने का अधिकार पुलिस को किसने दिया है। फिलहाल तस्वीर के वायरल होने के बाद अधिकारी जांच कराने की बात कर रहे हैं।
दो जगह पर मिली बैरिकेडिंग में हथकड़ी
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के हापुड़ अड्डा चौराहे के आईटीएमएस चौराहा का है। यहां पर यातायात का उल्लंघन होने पर लोगों के चालान सबसे ज्यादा काटे जा रहे हैं। इसके लिए यातायात व्यवस्था के लिए चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। यातायात पुलिस ने बैरिकेडिंग को एक-दूसरे से जोड़ने के जंजीर की जगह हथकड़ी लगा दी। इस इलाके में बैरिकेडिंग में दो जगह लगी हुई है। ज्ञात हो कि कचहरी में आरोपी को पेश करने के दौरान पुलिस अक्सर हथकड़ी अपने हाथ में रखती है। वहीं दूसरी ओर जेल से कचहरी में मुल्जिम को पेश करने के दौरान हथकड़ी लगाई जाती है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि हथकड़ी लगी होने के बाद भी कई बंदी निकालकर भाग चुके हैं।
पुलिस लाइन से आने वाले पुलिसकर्मी लेकर आती है हथकड़ी
इस मामले को लेकर पुलिस लाइन प्रभारी मुकेश कुमार का कहना है कि शहर में 3285 हथकड़ी हैं। थाने और पुलिस लाइन में ही सिर्फ हथकड़ी होती हैं। उन्होंने आगे बताया कि यातायात पुलिस के पास हथकड़ी और सरकारी असलहें नहीं होते हैं। बैरिकेडिंग पर हथकड़ी नहीं लगाई जा सकती है और इस मामले की जांच की जाएगी। वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ जेल अधीक्षक राकेश कुमार का कहना है कि चौधरी चरणसिंह कारगार में 2885 बंदी हैं। उन्होंने यह बताया कि पुलिस लाइन से आने वाले पुलिसकर्मी ही हथकड़ी लेकर आते हैं और जेल से कचहरी में बंदियों को पेश करने के लिए पुलिस लाइन से ड्यूटी लगाई है।