मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर कॉरिडोर में शिवमहा पुराण का कोई भी ऐसा दृश्य नहीं है जो आपको यहां नहीं दिखाई देगा। इसमें प्रवेश करने के बाद 946 मीटर लंबे कॉरिडोर को पार कर आप महाकाल के मंदिर गर्भगृह में पहुंचेंगे।
वीडियो डेस्क। मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल ( Mahakal Lok )कॉरिडोर के पहले फेज का कार्य पूरा हो चुका है। महाकाल कॉरिडोर दूसरे फेज के बाद काशी में बनाए गए कॉरिडोर से 9 गुना बड़ा होगा। बनाने में 60 महीने का वक्त और 856 करोड़ खर्च हुए हैं। यहां नंदी प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही आप शिवमय हो जाएंगे। देवी देवताओं की मूर्तियां, शिव विवाह, शिव तांडव, राक्षसों का वध महादेव की हर लीला को मूर्तियों और चित्रों के माध्यम से ऐसे दर्शाया गया है जैसे वे अभी बोल पड़ेंगी। यहां पर लगे स्तंभ शिव की गाथाओं से भरे हुए हैं। हर मूर्ति पर उसका इतिहास और कहानी भी लिखी गई है। शिवमहा पुराणा का कोई भी ऐसा दृश्य नहीं है जो आपको यहां नहीं दिखाई देगा। इसमें प्रवेश करने के बाद 946 मीटर लंबे कॉरिडोर को पार कर आप महाकाल के मंदिर में पहुंचेंगे। इस पूरे कॉरिडोर को घूमने ने 5 से 6 घंटे का समय लगेगा। इसके लिए रिक्शे भी लगाए गए हैं। यहां एक साथ 30 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। रात में इस कॉरिडोर की शोभा देखते ही बनेगी। स्वर्ण की तरह चमकेगा महाकाल लोग। यहां भगवान शिव के हर स्वरूप के दर्शन होंगे। रावण के शिव को भी यहां दर्शाया गया है। देखिए इसकी भव्यता