Afghanistan पर तालिबान के कब्जे के बाद UNSC ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, भारत करेगा अध्यक्षता

Afghanistan पर तालिबान के कब्जे के बाद आज भारतीय समयानुसार शाम को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद( UNSC) की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है। इसकी अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Aug 16, 2021 2:59 AM IST

नई दिल्ली. Afghanistan पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका और भारत जैसे देश चिंतित हैं। तालिबान के शासनकाल में अफगानिस्तान आतंकवाद का एक बड़ा गढ़ बन गया था। अफगानिस्तान के मुद्दे पर आज भारतीय समयानुसार शाम को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद( UNSC) की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है। इसकी अध्यक्ष भारत के विदेश मंत्री(Minister of External Affairs) एस जयशंकर करेंगे। फोटो साभार-AFP

अमेरिका को माना जा रहा इस संकट के लिए जिम्मेदार
विदेश मंत्री इस समय न्यूयॉर्क में हैं। रूस से इस संकट के लिए अमेरिकी की नीति को जिम्मेदार माना है। रूस ने ही इस मीटिंग की मांग उठाई थी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस परिषद के सदस्यों से अफगानिस्तान के मौजूदा घटनाक्रम पर राय-मश्वरा करेंगे। बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इसे अमेरिका की सबसे बड़ी हार मानते हैं। हालांकि अमेरिका का विदेश मंत्रालय इसे नकारता है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन कह चुके हैं कि अमेरिकी सेना जिंदगीभर अफगानिस्तान में नहीं रह सकती थी। अमेरिका ने अफगानिस्तान की फौज खड़ी कराई। अगर वे लड़ाई नहीं लड़ सके तो इसमें अमेरिका का क्या दोष।

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भारत के विदेश मंत्री करंगे आतंकवाद पर भी मीटिंग
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता के दौरान न्यूयॉर्क का दौरा करेंगे और 18 और 19 अगस्त को दो उच्च स्तरीय हस्ताक्षर कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेंगे। पहला कार्यक्रम 18 अगस्त, 2021 को होगा। 'संरक्षकों की रक्षा: प्रौद्योगिकी और शांति व्यवस्था' पर एक खुली बहस होगी, जबकि 19 अगस्त, 2021 को दूसरा कार्यक्रम 'आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे' पर एक उच्च स्तरीय ब्रीफिंग होगी। ये दोनों विषय भारत की प्राथमिकताएं हैं।

शांति स्थापना पर खुली बहस 'संरक्षकों की रक्षा' के विषय पर केंद्रित होगी, जिसमें शांतिरक्षकों की सुरक्षा और सुरक्षा बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकी उपकरणों के उपयोग के माध्यम से और शांति मिशनों को उनके जनादेश को प्रभावी ढंग से और कुशलता से लागू करने में सहायता करना शामिल है। इस संबंध में, भारत, संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से, यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म शुरू करेगा, जो एक स्थितिजन्य जागरूकता सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, जो एक शांति अभियान केंद्र को वास्तविक समय के आधार पर संघर्ष क्षेत्र में जमीनी स्थिति की कल्पना और विश्लेषण करने की अनुमति देता है।

इस परियोजना का उद्देश्य विषम खतरों का पता लगाने पर आधुनिक निगरानी प्रौद्योगिकी के प्रभाव को प्रदर्शित करना है। इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के लिए शिविर सुरक्षा, समग्र सुरक्षा स्थिति और स्थितिजन्य जागरूकता की गुणवत्ता में सुधार करना है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के साथ चार संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों: मुनिस्मा (माली), UNMISS (दक्षिण सूडान), UNFICYP (साइप्रस) और AMISOM (सोमालिया) में शुरू में UNITE अवेयर प्लेटफॉर्म को रोल आउट करने के लिए भागीदारी की है।

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यात्रा के दौरान 'शांति व्यवस्था में प्रौद्योगिकी के लिए साझेदारी' पहल के समर्थन में भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। एंटेबे (युगांडा) में स्थित संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीएनपीके - भारतीय पक्ष पर) और शांति संचालन के लिए संयुक्त राष्ट्र सी4आईएसआर अकादमी (कमांड, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर, खुफिया, निगरानी और टोही) इस समझौता ज्ञापन के लिए निष्पादन एजेंसियां ​​होंगी। 

19 अगस्त को, विदेश मंत्री आईएसआईएल/दाएश द्वारा उत्पन्न खतरे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की छह-मासिक रिपोर्ट पर एजेंडा आइटम "आतंकवादी अधिनियमों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा" के तहत एक ब्रीफिंग सत्र की अध्यक्षता करेंगे। इस यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उच्च स्तरीय आयोजनों से इतर अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

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