ईरान की धमकी का असर, अमेरिका मध्य पूर्व भेज रहा एयरक्राफ्ट कैरियर, युद्धपोत

इजरायल पर ईरान के हमले की आशंका को देखते हुए अमेरिका ने मध्य पूर्व में एक एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप भेजने का फैसला किया है। इसके साथ ही क्षेत्र में अमेरिका एक और फाइटर स्क्वाड्रन भेज रहा है।

 

वाशिंगटन। इजरायल पर हमले की ईरान की धमकी को देखते हुए अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। यूएस एक एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, एक लड़ाकू स्क्वाड्रन और अतिरिक्त युद्धपोत भेज रहा है। तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनीया की हत्या के बाद ईरान (Israel Iran War) जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

यह संभवतः गाजा युद्ध के शुरुआती दिनों के बाद से इस क्षेत्र में अमेरिकी सेनाओं का सबसे बड़ा अभियान है। उस समय यूएस ने मध्य पूर्व में अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप भेजे थे। अमेरिका ने क्षेत्रीय ताकतों को साफ संदेश दिया था कि अगर इजरायल पर हमला किया तो पहले उसका सामना करना होगा। अब एक बार फिर ईरान और इजरायल जंग के मुहाने पर हैं।

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हमास नेता की हत्या का बदला लेना चाहता है ईरान

अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा, "हमने सुप्रीम लीडर (ईरान के) से साफ-साफ सुना है कि वह तेहरान में हमास नेता की हत्या का बदला लेना चाहते हैं। वे इजरायल पर एक और हमला करना चाहते हैं। हम यह नहीं मान सकते कि ईरान पहले की तरह ही हमला करेगा। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास क्षेत्र में सही संसाधन और क्षमताएं हों।"

यूएसएस अब्राहम लिंकन स्ट्राइक ग्रुप जा रहा मध्य पूर्व

पेंटागन की उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह के अनुसार शुक्रवार को रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने यूएसएस अब्राहम लिंकन स्ट्राइक ग्रुप को यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट स्ट्राइक ग्रुप की जगह लेने का आदेश दिया है। यह इस समय ओमान की खाड़ी में है। इसके अलावा बैलिस्टिक मिसाइल से बचाव करने वाले डिस्ट्रॉयर और क्रूजर भी मध्य पूर्व और भूमध्य सागर में भेजे जाएंगे। यह नहीं बताया गया है कि कौन से युद्धपोत भेजे गए हैं। इससे पहले पूर्वी भूमध्य सागर में दो अमेरिकी डिस्ट्रॉयर ने अप्रैल में इजरायल के खिलाफ ईरान द्वारा किए गए हमलों को रोका था।

मध्य पूर्व में अमेरिका ने बढ़ाए अपने लड़ाकू विमान

ऑस्टिन ने मध्य पूर्व में एक फाइटर स्क्वाड्रन की तैनाती का भी आदेश दिया है। इस क्षेत्र में अमेरिका के पास पहले से ही यूएसएस वास्प एम्फिबियस असॉल्ट शिप है। यह 24वीं मरीन एक्सपेडिशनरी यूनिट के साथ काम करता है। यह आदेश मिलने पर लेबनान में अमेरिकी नागरिकों को निकालने में सक्षम है।

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अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ईरान आने वाले दिनों में इजरायल पर हमला कर सकता है। इसके लिए वह अपने बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल कर सकता है। ईरान के पास इलाके के अपने प्रॉक्सी आतंकी संगठनों को इस्तेमाल करने का विकल्प भी है। अगर वह ऐसा करता है तो स्थिति गंभीर हो सकती है।

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